अनुपम कुमार, पटना. ऊंची कीमत और कम ट्रैवलिंग पावर प्रदेश में इलेक्ट्रिक कार के इस्तेमाल में प्रमुख बाधा बन गयी है. बीते चार वर्षों में केवल 118 इलेक्ट्रिक कार प्रदेश में पंजीकृत हुई है जिनमें 100 से अधिक पटना डीटीओ में पंजीकृत है.
एक बार चार्ज होने के बाद महज 250 किमी की यात्रा की क्षमता के कारण लोग शहर से बाहर इ-कार को ले जाने लायक नहीं समझते क्योंकि 125 किमी से अधिक दूरी तक जाने के बाद इसका बिना रिचार्ज घर वापस लौटना संभव नहीं है. रिचार्ज की सार्वजनिक सुविधाएं विकसित नहीं हुई हैं. यही वजह है कि लोग इन्हें खरीदने से परहेज कर रहे हैं और महीने में छह-सात से अधिक ये नहीं बिक रही हैं.
प्रदेश में अभी केवल पटना में इलेक्ट्रिक कारें बिक रही हैं. यहां तीन डीलर हैं और तीनों केवल टाटा की कार बेच रहे हैं. इनमें नेक्सोन और टेगोर दो मॉडल की कारें शामिल हैं. टिगोर की इ-कार की कीमत 14 लाख है, जबकि इसके पेट्रोल वर्जन की कीमत केवल आठ लाख है. यह इ-कार अपने पेट्रोल वर्जन की तुलना में 75 फीसदी महंगा है.
64,868 इलेक्ट्रिक वाहन प्रदेश की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. इनमें 58 हजार इ-रिक्शा और छह हजार स्कूटी शामिल हैं. पटना की सड़कों पर 26 इलेक्ट्रिक बसें भी सिटी बस सेवा में दौड़ने लगी हैं. इनमें एक मुजफ्फरपुर होते हुए दरभंगा और दो राजगीर भी जाती है.
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स्कूटी 6009
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मोपेड 63
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मोटरकार 118
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मोटर लगी साइकिल 50
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बस 26
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इ-रिक्शा (यात्री ढोने वाली) 57202
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इ-रिक्शा (समान ढोने वाले) 1041
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थ्री व्हीलर (यात्री ढोने वाले) 354
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एडॉप्टेड वाहन 1
कुल 64,868
गिन्नी मोटर्स के कस्टमर एडवाइजर आलमगीर ने कहा कि एडवांस वर्जन आने से स्थिति सुधरेगी. लोग कम से कम ऐसी गाड़ी चाहते हैं कि एक बार रिचार्ज करवाने के बाद वे बिहार के किसी कोने से घर वापस लौट सकें. नये मॉडल की क्षमता 400 से 450 किमी के बीच होगी.
टोयटा के हेड ऑफ कॉरपोरेट सेल्स राजन वर्मा ने कहा कि हम टोयटा की ओर से वेलफायर नामक मॉडल ला रहे हैं. यह एक बार रिचार्ज होने के बाद खुद को लंबे समय तक रिचार्ज रखेगा क्योंकि इसके चलने से ही इसकी बैटरी भी रिचार्ज होती रहेगी. 80 लाख इस कार की कीमत है और तीन गाड़ियां बुक भी कर चुके हैं.