Lucknow: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने गोरखपुर के चिकित्सक और सपा के एमएलसी प्रत्याशी डॉ. कफील खान पर देवरिया में जबरन मुकदमा दर्ज करने की कड़ी निंदा की है. पार्टी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार 2017 के बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में ऑक्सीजन कांड के बाद से ही डॉ. कफील खान का लगातार उत्पीड़न कर रही है. ताजा मुकदमा भी उसी की अगली कड़ी है.
पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने डॉ. कफील खान चिकित्सक ही नहीं, बल्कि समाजसेवी भी हैं. वो अपनी चिकित्सा प्रतिभा का उपयोग समाजसेवा के लिए करते रहे हैं. इसी क्रम में वो सरकार की मेडिकल कुव्यवस्था को भी उजागर करते रहे हैं. देवरिया में भी उन्होंने यही किया.
कामरेड सुधाकर ने बताया कि सड़क किनारे घायल मिली महिला का फौरी इलाज करते डॉ. कफील अस्पताल पहुंचे और वहां एक अन्य एम्बुलेंस में आयी सीने में दर्द से परेशान महिला की भी चिकित्सीय मदद की. इसका वीडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर डाला था. जिसमें एम्बुलेंस और जिला अस्पताल में जीवन रक्षक आपात संसाधनों की अनुपस्थिति का भी उल्लेख था.
माले नेता ने कहा कि डॉ. कफील के जिस योगदान के लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए, उसी के लिए योगी सरकार उनका उत्पीड़न कर रही है. गोरखपुर ऑक्सीजन कांड की आड़ में उन्हें सरकारी सेवा से वह पहले ही बर्खास्त कर चुकी है. अब देवरिया में जबरन इलाज करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया गया. सुधाकर यादव ने डॉ. कफील खान पर दर्ज किये गये फर्जी मुकदमे को तत्काल प्रभाव से रद्द करके पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है.
गौरतलब है कि डॉ. कफील खान बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में बाल रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत थे. मेडिकल कॉलेज के चर्चित ऑक्सीजन गैस कांड में उनको आरोपित करते हुए लंबे समय तक जेल में रखा गया था. वर्तमान में वह जमानत पर जेल से बाहर हैं और समाजवादी पार्टी के गोरखपुर स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से एमएलसी प्रत्याशी हैं.