पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की शहर में पेयजलापूर्ति के लिए की गयी व्यवस्था प्रत्येक साल गर्मी के दिनों में चरमरा जाती है. यद्यपि करीब 30 साल पुरानी इस योजना से शहरी क्षेत्र के करीब 10 फीसदी भाग (करीब एक हजार घरों) को ही पानी मिलता है. शेष इलाके नलकूप व अन्य जल स्रोत पर निर्भर हैं.
गर्मी के दिनों में जलापूर्ति योजना से पानी की आपूर्ति कम होने से पानी का समान वितरण नहीं हो पाता. दरअसल शहरी पेयजलापूर्ति योजना के लिए गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के सहिजना वार्ड संख्या 14 में दानरो नदी के किनारे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने दो कूप का निर्माण कराया था. यहीं से मुख्य जलमीनार में पानी लाकर आपूर्ति की जाती है.
इधर नदियों से बालू के लगातार उठाव के कारण जल स्तर नीचे चले जाने के कारण गर्मी के दिनों में कूप सूख जाते हैं. इस वर्ष भी मार्च महीने में ही जल स्तर नीचे चले जाने के कारण जलापूर्ति में बाधा आ रही है. वहीं सहिजना में कराये गये डीप बोर का मोटर खराब है. इसलिए यहां से भी पानी नहीं मिल रहा. गढ़वा शहर की आबादी करीब 45 हजार है. इस हिसाब से शहर में करीब 9000 घर होंगे. इनमें से 665 घरों में ही पानी का कनेक्शन है. लेकिन करीब एक हजार घर पानी ले रहे है.
वर्तमान में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा शहर में 80 हजार गैलन (एक गैलन में 4.54 लीटर) पानी के बजाय 40 हजार गैलन पानी की ही आपूर्ति हो रही है. बताया गया कि सहिजना कूप का जल स्तर नीचे चला गया है. इस कारण आधे पानी की ही आपूर्ति की जा रही है़ बताया जा रहा है कि आनेवाले 10-15 दिनों में जल स्तर और नीचे चले जाने के बाद आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है. यदि सहिजना के डीप बोर का मोटर ठीक नहीं हुआ, तो परेशानी जल्द बढ़ जायेगी.