पटना. इस साल गर्मी अपने पूरे तेवर में है. मार्च में ही मई की तपिस ने आम लोगों के साथ-साथ सरकार के माथे पर भी पसीना ला दिया है. सरकार को कोरोना के कहर से अभी थोड़ी राहत ही मिली है कि इस साल गर्मी की रिकार्ड तोड़ तपिस एक नयी आफत बनकर सामने खड़ी हो गयी है. ऐसे में सरकार इस साल समय से पहले गर्मी छुट्टी देने पर विचार कर रही है.
मौसम विभाग के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग भी मान रहा है कि इस बार चैत माह में ही आसमान आग उगल रहा है. मई-जून की गर्मी का अहसास मार्च में ही हो रहा है. यही कारण है कि मौसम के इस तेवर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है.
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने पत्र जारी कर कहा है कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. बिहार में इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है लू भी चलती है. इसका असर जनजीवन पर पड़ता है. खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों को परेशानी होती है. पीने के पानी का संकट भी हो जाता है. इसलिए सभी संबंधित विभागों को अभी से अलर्ट मोड पर रहने की सलाह दी गयी है.
आपदा प्रबंधन विभाग ने खास तौर पर मौसम की तल्खी को देखते हुए स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा पशुपालन, पीएचईडी, ग्रामीण विकास आदि विभागों को भी अलर्ट रहने की सलाह दी है. सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से जिलास्तर पर जागरूकता प्रोग्राम के आयोजन करने को कहा है. साथ ही कहा है कि सभी लोगों को लू के पहले चेतावनी दें और अगलगी की घटनाओं को देखते हुए अग्निशमन निदेशालय को जरूरी इंतजाम करने को कहें. पेयजल संकट से निपटने की दिशा में भी कार्य करने को भी कहा गया है.
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी पत्र पर शिक्षा विभाग ने विचार मंथन शुरू कर दिया है. विभाग का कहना है कि जरूरत हुई तो स्कूलों में समय से पहले गर्मी की छुट्टी दी जा सकती है. इधर स्वास्थ्य विभाग ने तो अस्पतालों को पूरी तरह अलर्ट मोड में रहने का निर्देश भी दे दिया है.