पटना. आपदा प्रबंधन विभाग ने भीषण गर्मी, लू एवं हिट वेब के दौरान परेशानी नहीं हो, इसे लेकर सभी विभागों को निर्देश जारी किया है. सभी विभागों को कहा है कि गर्मी में छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं दिहाड़ी मजदूरों को काफी समस्याएं आती है. पेयजल संकट की स्थिति हो जाती है. आवश्यकता है कि विभागों द्वारा भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए कारगर उपाय व कार्रवाई की जाये. इसके लिए जरूरी है कि मौसम विज्ञान केंद्र के माध्यम से लू की पूर्व चेतावनी सूचना प्राप्त कर लोगों तक जानकारी पहुंचाया जाये.
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शहरी क्षेत्रों में पियाऊ की व्यवस्था की जाये. आसपास के खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर कराएं.
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नगरीय क्षेत्र के आश्रय स्थलों पर पेयजल तथा स्लम में रहने वालों के लिए आकास्मिक दवाइयां रहे.
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सभी छोटे-बड़े सरकारी अस्पतालों में ओआरएस व अन्य दवाइयां रहे. चलंत चिकित्सा दल भी रहे, ताकि गांव के लोगों का भी गर्मी में होने वाली बीमारियों का उपचार हो सकें.
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जिन जगहों पर नल का जल नहीं पहुंचा हो एवं चापाकलों की कमी हो, वहां जल संकट नहीं हो. इसका ध्यान रखा जाये. वहीं, पानी टैंकर भी रहे.
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मनरेगा के तहत काम करने वालों के लिए सुबह छह से 11 और दोपहर 3.30 से 6.30 तक काम लिया जाये. इसको लेकर श्रम विभाग भी नियमानुसार निर्देश दे, ताकि दिहाड़ी मजदूर भी लू से बच सकें.
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शिक्षा विभाग के स्तर पर स्कूली की निगरानी की जाये और गर्मी को देखते हुए स्कूल के समय में बदलाव किया जाये, ताकि बच्चे लू की चपेट में नहीं अाये. वहीं, स्कूल एवं स्कूल की गाड़ियों में पानी की पर्याप्त व्यवस्था की निगरानी करायी जाये.