सदर प्रखंड गुमला अंतर्गत घटगांव के काटासारू जंगल में सोमवार को लगभग 11 बजे अचानक से आग लग गयी. आग जंगल में तेजी से फैलने लगी और देखते ही देखते लगभग 22 एकड़ क्षेत्र में आग फैल गयी. वन विभाग को काटासारू जंगल में आग लगने के बारे में इसरो के सैटेलाईट के माध्यम से पता चला.
आग लगने के बारे में पता चलने के बाद डीएफओ श्रीकांत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वन विभाग के कर्मी राजेश कुजूर, प्रवीण तिर्की एवं मुन्ना सिंह को काटासारू जंगल भेजा. तीनों कर्मी आग बुझाने वाली सामग्रियों के साथ जंगल पहुंचे और आग को बुझाने का प्रयास करने लगे. लगभग साढ़े पांच घंटे तक (सुबह 11 बजे से शाम 4.30 बजे तक) मशक्कत करने के बाद कर्मियों ने आग पर काबू पाया.
हालांकि साढ़े पांच घंटे तक मशक्कत करने के बाद कर्मियों ने आग पर तो काबू पा लिया. परंतु आग पर काबू पाने से पहले 22 एकड़ क्षेत्र में आग लगने के कारण जंगल की उपजाऊ मिट्टी के साथ पेड़ एवं लाखों नवजन्मे पौधे भी जल गये. वहीं जंगल में कई छोटे-छोटे पशु-पक्षियों का आशियाना भी जलकर बरबाद हो गया. खबर लिखे जाने तक जंगल में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका.
इस संबंध में डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि जंगल में या तो प्राकृतिक कारणों से आग लग जाती है अथवा किसी ग्रामीण के द्वारा लकड़ी, तेंदु पत्ता आदि चुनने के लिए आग लगा देते हैं. काटासारू जंगल में आग लगने के कारण की जांच की जा रही है. यदि किसी ग्रामीण के द्वारा आग लगायी गयी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
डीएफओ ने बताया कि नियमानुसार गांववासियों का जंगली क्षेत्र में आना मना है. इसके बावजूद कुछ लोग लकड़ी से लेकर तेंदु पत्ता के लिए जंगल में प्रवेश करते हैं और इसी क्रम वे कुछ शरारती लोग जंगल में कहीं आग लगा देते हैं. जिससे न केवल वन्यजीवों को परेशानी होती है, बल्कि जंगल भी नष्ट होता है. डीएफओ ने बताया कि जंगल में आग लगने की घटना का तुरंत पता चलने के लिए वन विभाग फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया पर निर्भर रहता है. इसरो के सैटेलाइट की मदद से वन विभाग को जंगल में लगी आग की जानकारी मिलती है.