बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के नामांकन के बाद सोमवार को नाम वापसी के अंतिम दिन 10 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया है. अब परिषद की 24 सीटों पर 187 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. जिन निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्याशियों ने नाम वापस लिया है, उनमें पटना निर्वाचन क्षेत्र में एक, रोहतास सह कैमूर में एक, सीवान में एक, मुजफ्फरपुर में एक, मुंगेर सह जमुई सह लखीसराय सह शेखपुरा में तीन, पूर्णिया में एक और कटिहार में दो प्रत्याशी शामिल हैं. विधान परिषद चुनाव के लिए कुल 200 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. इनमें तीन प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रद्द कर दिये गये थे.
नाम वापसी के बाद पटना निर्वाचन क्षेत्र में छह, नालंदा में पांच, गया सह जहानाबाद सह अरवल में पांच, औरंगाबाद में आठ, नवादा में 11, भोजपुर सह बक्सर में दो, रोहतास सह कैमूर में नौ, सारण में आठ, सीवान में आठ, गोपालगंज में छह, पश्चिम चंपारण में सात, पूर्वी चंपारण में सात, मुजफ्फरपुर में छह, वैशाली में छह, सीतामढ़ी सह शिवहर में पांच, दरभंगा में 13, समस्तीपुर में आठ, मुंगेर सह जमुई सह लखीसराय सह शेखपुरा में 13, बेगूसराय सह खगड़िया में 12, सहरसा सह मधेपुरा सह सुपौल में 14, भागलपुर सह बांका में सात मधुबनी में छह, पूर्णिया सह अररिया सह किशनगंज में सात और कटिहार निर्वाचन क्षेत्र में आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
रमई राम ने कहा कि राजद में लालू प्रसाद के रहते हमें काफी इज्जत मिली. नौ बार जीते हैं, पर आज तेजस्वी ने हमारा अपमान किया. हमें बुलाकर बैठाया और फिर मिला भी नहीं. ऐसा नेता कभी सीएम नहीं बनेगा.
मुकेश सहनी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़े हैं और आगे भी रहेंगे. हम एनडीए के सहयोगी हैं और एक सीट पर हमारी लड़ाई है, क्योंकि यह सीट हमारी है.