Lucknow News: प्रदेश में अब एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी करने के बाद 10 साल तक सरकारी अस्पतालों में सेवा देनी होगी. दरअसल, राज्य के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों को नीट पीजी मॉपअप राउंड काउंसलिंग में भारांक दिया जाएगा. जिसके लिए उन्हें एक बॉन्ड भी भरना होगा. जिसमें पीसी के बाद तय समय तक सरकारी अस्पतालों में सेवा देने की बात कही गई है. सरकार ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है.
एमबीबीएस चिकित्सकों के लिए जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक, अगर डॉक्टर सरकारी चिकित्सालयों में सेवा नहीं देना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें एक करोड़ की धनराशि प्रदेश सरकार को देनी होगी. दरअसल, मॉपअप राउंड में शामिल होने से पहले डॉक्टर्स से उनके सरकारी अस्पताल में कार्यरत होने के संबंध में जानकारी मांगी गई है, जिसके लिए 21 मार्च की तारीख निर्धारित की गई है.
चिकित्सकों के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार, नीट पीजी मॉपअप राउंड में शामिल होने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स कंप्लीट होने के बाद पहले की अस्पताल मे जहां वह कार्यरत थे वहीं कार्यभार ग्रहण करना होगा. गाइडलाइन में बताया गया है कि अध्ययन की अवधि को सेवा अवधि माना जाएगा और विभाग द्वारा बॉन्ड भराया जाएगा. जिसके अनुसार, कोर्स कंप्लीट होने के बाद 10 साल की सेवा सरकारी अस्पतालों में देनी होगी