RLD State President Masood Ahmed resigned: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मसूद अहमद ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने रालोद पर धन लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने, दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर मौन रहने और गठबंधन नेताओं का उपयोग न करने के कारणों से जीता चुनाव हार जाने का आरोप लगाया है.
रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मसूद अहमद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को भेजे गए पत्र में लिखा, 2015-16 में चौधरी अजित सिंह के आवाहन पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के मूल्यों और जाट मुस्लिम एकता के साथ किसानों, शोषित और वंचित वर्गों के अधिकार के लिए संघर्ष हेतु रालोद में शामिल हुआ और तन, मन, धन से पार्टी के लिए समर्पित होकर कार्य करता रहा. उन्होंने आगे लिखा, वर्ष 2016-17 में चौधरी अजित सिंह ने विश्वास व्यक्त करते हुए मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जिसके बाद संगठन को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास पार्टी के बुरे दौर में मेरे द्वारा किया गया.
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डॉक्टर मसूद अहमद ने पत्र में चौधरी जयंत सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि आपके माध्यम से मेरा अखिलेश यादव को भी सुझाव है कि अहंकार छोड़कर पार्टी के नेताओं और गठबंधन को सम्मान दें. इमरान मसूद जैसे नेताओं को अपमानित कर आप अपनी छवि मुसलमानों में धूमिल कर रहे हैं. मुसलमान और अन्य वर्ग कब तक मजबूरी में हमें वोट देगा. जनता के बीच रहना ही मुलायम सिंह की कुंजी रही है. सिर्फ चुनाव के वक्त निकलना भी जनता को नागवार गुजरता है.
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मसूद अहमद ने कहा, यह खुला पत्र मैं आपके (चौधरी जयंत सिंह) और अखिलेश यादव के नाम लिख रहा हूं ताकि आप दोनों इसका आंकलन कर गठबंधन के अनेक कार्यकर्ताओं के मन में उठते सवालों का उत्तर दें सकें…
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टिकट पैसे लेकर क्यों बेचे गए ?
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गठबंधन की सीटों का ऐलान समय रहते क्यों नहीं किया गया? टिकट भी आखरी समय पर क्यों बांटे गए?
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रालोद, अपना दल, आजाद समाज पार्टी और महान दल को अपमानित क्यों किया गया?
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आप दोनों ने मुस्लिम और दलित मुद्दों पर क्यों चुप्पी साधी?
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आप दोनों द्वारा मनमानी तरीके से टिकट क्यों बांटे गए ?
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रालोद के चुनाव निशान पर 10 समाजवादी नेता चुनाव लड़े, पर समाजवादी निशान पर एक भी रालोद नेता नहीं उतारा गया, जबकि आपके द्वारा टीवी चैनलों पर इसकी घोषणा स्वयं की गई थी.
Posted By: Achyut Kumar