Jharkhand news: सिमडेगा जिला के जलडेगा थाना स्थित पतिअंबा गांव के 30 वर्षीय अमित चीक बड़ाइक केरल की सड़कों पर भटक रहा है. केरल के लोगों ने झारखंड सरकार से मदद मांगी है, ताकि अमित अपने घर पहुंच सके. वहीं, केरल के एक कंपनी में कार्यरत सरोज महली ने अमित से बात इसकी जानकारी प्रभात खबर, गुमला को दिया.
मानसिक रोगी की तरह सड़कों पर भटक रहा अमित
शुक्रवार को अमित केरल की सड़कों पर उस समय नजर आया, जब वह मानसिक रोगी के रूप में भटक रहा था. कुछ लोगों ने जब उससे बात की, तो वह अपने को झारखंड के सिमडेगा जिला का निवासी बताया. उसने अपना आधार कार्ड भी लोगों को दिखाया. लेकिन, वो केरल कैसे पहुंचा. इसकी जानकारी उसे नहीं है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अमित मानसिक रूप से बीमार है और वह भटकते हुए केरल पहुंच गया.
राज्य सरकार से मदद की गुहार
वहीं, कुछ लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि वह केरल में मजदूरी करने पहुंचा होगा, लेकिन मानसिक रूप से बीमार हो जाने के कारण सड़कों पर भटकने लगा. उसके पास खाने के लिए पैसे भी नहीं थे. कुछ लोगों ने उसकी मदद की. साथ ही केरल के लोगों ने झारखंड सरकार से मदद की गुहार भी लगायी है, ताकि अमित की सकुशल घर वापसी हो सके.
सरोज ने अमित से की बात
इधर, गुमला के ही सरोज महली जो केरल में एक कंपनी में कार्यरत है. उसने सादरी भाषा में अमित से बात की, तो उन्होंने अपना पता सिमडेगा बताया और उसने अपने घर सिमडेगा वापस भेजने की मदद की मांग की है. सरोज ने प्रभात खबर, गुमला को फोन कर बताया कि अमित चीक बड़ाइक से बात हुई है. बातचीत में लगा कि वह मानसिक रोगी है. इसी वजह से वह भटक कर केरल पहुंच गया है.
केरल की सड़कों पर हर दिन भटकता है अमित
सरोज ने बताया कि वह केरल की सड़कों पर हर दिन भटकते रहता है और इधर-उधर मांगकर अपनी भूख मिटा रहा है. सरोज ने झारखंड सरकार और सिमडेगा प्रशासन से मांग किया है कि अमित की मदद करते हुए उसे उसके घर सिमडेगा जिला के पतिअंबा गांव पहुंचाने में मदद करें. सरोज ने अमित का एक फोटो भी भेजा है. जिसमें वह गंजी पहने हुए भटकते मिला है. पैर में चप्पल और जूता नहीं है. शरीर के कुछ हिस्सों में चोट के निशान भी है.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.