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कर्नाटक के बच्चे करेंगे मोरल साइंस की पढ़ाई, जानें कौन-सी किताब पढ़ायी जायेगी रामायण, महाभारत या गीता

Moral Science in Karnataka|भगवदगीता सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं है. यह सभी के लिए है. यदि विशषज्ञ कहेंगे, तो निश्चित तौर पर स्कूल के कोर्स में इसे शामिल किया जायेगा. इस वर्ष नहीं, अगले वर्ष से इसे शुरू किया जा सकता है.

Moral Science in Karnataka|कर्नाटक के स्कूलों में भगवदगीता की शुरुआत की जा सकती है. राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (BC Nagesh) ने इसके संकेत दिये हैं. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने शुक्रवार (18 मार्च 2022) को कहा कि भगवदगीता सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं है. यह सभी के लिए है. यदि विशषज्ञ कहेंगे, तो निश्चित तौर पर स्कूल के कोर्स में इसे शामिल किया जायेगा. इस वर्ष नहीं, अगले वर्ष से इसे शुरू किया जा सकता है.

स्कूलों में नैतिक विज्ञान की पढ़ाई शुरू हो

शिक्षा मंत्री ने कहा है कि हमने स्कूल में मोरल साइंस (नैतिक विज्ञान) की पढ़ाई की है. किन्हीं कारणों से वर्षों से इस विषय की पढ़ाई स्कूलों में बंद हो गयी है. बहुत से अभिभावकों को अब अहसास हो रहा है कि नैतिक विज्ञान की पढ़ाई फिर से शुरू होनी चाहिए. अभी हमने इस बारे में कुछ नहीं सोचा है. लेकिन हम चाहते हैं कि भविष्य में स्कूलों में नैतिक विज्ञान की पढ़ाई शुरू हो.

विषय शिक्षाविद तय करेंगे- शिक्षा मंत्री नागेश

शिक्षा मंत्री श्री नागेश ने कहा कि नैतिक विज्ञान के विषय-वस्तु क्या हों, इसके बारे में शिक्षाविद तय करेंगे. उन्होंने कहा कि वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से इस संबंध में बात करेंगे. वह स्कूलों में नैतिक विज्ञान की पढ़ाई शुरू करने के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री से यह भी जानेंगे कि अगले वर्ष से स्कूलों में मोरल साइंस की पढ़ाई शुरू की जा सकती है या नहीं.

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मोरल साइंस की पढ़ाई किस रूप में शुरू करें

श्री नागेश ने कहा कि हम तय करेंगे कि मोरल साइंस की पढ़ाई किस रूप में शुरू कर सकते हैं. बच्चों के जीवन में किस तरह से बदलव आ सकता है, उसके बारे में विचार-विमर्श करने के बाद हम कोर्स में भगवदगीता, रामायण या महाभारत में से किसी एक को शामिल करने पर विचार करेंगे.

गीता सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं- शिक्षा मंत्री बीसी नागेश

उन्होंने कहा कि भगवदगीता सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं है. यह सभी के लिए है. यदि शिक्षाविदों ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को भगवदगीता की शिक्षा दी जानी चाहिए, तो हम इसे कोर्स में लागू करवायेंगे. हां, यह इस वर्ष नहीं हो पायेगा. लेकिन, अगले साल से हम किसी न किसी रूप में मोरल साइंस की पढ़ाई शुरू करवा सकते हैं. हालांकि, अभी हमने तय नहीं किया है कि मोरल साइंस की पढ़ाई शुरू करनी है या नहीं.

Posted By: Mithilesh Jha

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