होली के त्योहार की धूम आज देशभर में देखने को मिल रही है. इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी रंगों से रंगा नज़र आया. यहां महाकलेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और होली का त्योहार मना गया. आपको बता दें विश्व भर में सबसे पहले उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन होता है. गुरुवार को भी होलिका दहने के बाद संध्या कालीन आरती हुई और होली पर्व की शुरुआत हो गई है.इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे. मंदिर परिसर में गुलाल से होली खेली गई और श्रद्धालुओं में एक अलग उत्साह भी देखने को मिला.
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भगवान महाकाल के दरबार में संध्या कालीन आरती में जमकर गुलाल उड़ता है. वर्ष भर में एक बार ही यह नजारा देखने को मिलता है. महाकालेश्वर मंदिर के आशीष पुजारी बताते हैं कि भगवान महाकाल को फूलों के रस से स्नान भी कराया जाता है. इसके अलावा उन पर गुलाल चढ़ाकर आरती की जाती है. आरती के दौरान भक्त और भगवान के बीच जमकर होली खेली जाती है. इस होली का आनंद लेने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. यह सिलसिला शरणार्थी में भी चलता है.
महाकाल को उज्जैन का राजा या रक्षक भी कहा जाता है. कोरोना की लहर खत्म होने के बाद इस बार फिर से वैसा ही किया जाएगा. भस्म आरती के बाद तुरंत गुलाल की शानदार होली होती है. महाकाल मंदिर में होली के बाद रंग पंचमी का त्योहार मनाने की भी परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन महाकाल के दर्शन करने से दुख दूर होते हैं और कामना पूर्ण होती है.