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Indian Railways: ट्रेन किराये में बुजुर्गों को छूट क्यों नहीं दे रहा रेलवे? अश्विनी वैष्णव ने बताई ये वजह

ट्रेन किराये में भारत के वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को दोबारा बहाल नहीं किए जाने के पीछे बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित प्रश्न के जवाब में तर्क दिया है.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे धीरे-धीरे सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर तो रहा है, लेकिन किराये में वरिष्ठ नागरिकों को मिल रही छूट को अभी तक दोबारा बहाल नहीं किया गया है. भारत में महामारी की शुरुआत होने के पहले मार्च 2020 से पहले देश के वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन के किराये में रियायत दी जाती थी, लेकिन महामारी के बाद यात्री किराया के जरिए मोटी कमाई करने के फेर में रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को किराये में मिलने वाली छूट को दोबारा बहाल नहीं किया है.

क्या कहती है सरकार?

ट्रेन किराये में भारत के वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को दोबारा बहाल नहीं किए जाने के पीछे बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित प्रश्न के जवाब में तर्क दिया है कि कोरोना महामारी की वजह से उत्पन्न चुनौतियों के कारण वित्त वर्ष 2019-2020 (पूर्व-कोविड अवधि) के मुकाबले 2020-2021 के दौरान यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को किराये में छूट देने के लिए रेलवे की लागत बढ़ जाती है. इसलिए फिलहाल वरिष्ठ नागरिकों समेत अन्य सभी श्रेणी के यात्रियों को ट्रेन किराये में रियायत देना संभव नहीं है.

वरिष्ठ नागरिकों को रियायत देने पर रेलवे का बढ़ाता है बोझ : अश्विनी वैष्णव

बताते चलें कि भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत होने से पहले रेलवे की ओर से सभी वर्ग के यात्रियों में महिलाओं को 50 फीसदी और पुरुषों को 40 फीसदी की छूट दी जाती थी. इसमें ट्रेन के किराये में छूट के लिए महिलाओं की उम्र 58 साल और पुरुषों की आयु 60 साल निर्धारित की गई थी. रेल मंत्र अश्विनी वैष्णव ने संसद को बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को किराय में छूट देने पर सालाना करीब 1,600 करोड़ रुपये की लागत आती है. उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को रियायत पर रेलवे की ओर से करीब 2000 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

38 रियायती सेवाओं को रेलवे ने किया बंद

महामारी के दौरान रेलवे ने जैसे ही ट्रेन सेवाओं को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से बहाल किया, रेल मंत्रालय ने यात्रियों को दी जाने वाली करीब 53 सेवाओं में से 15 को छोड़कर सभी को बंद कर दिया. चालू रियायती सेवाओं में 4 दिव्यांगों, 11 छात्रों और रोगियों को दी जाने वाली सुविधाएं शामिल हैं. बाकी की 38 प्रकार की सेवाओं में मिलने वाली रियायत अब भी बंद है.

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रेलवे की कमाई पर पड़ेगा असर

रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य श्री प्रकाश ने कहा कि रेलवे की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के किराये में दी जाने वाली छूट को दोबारा बहाल नहीं किए जाने की वजह से रेलवे की कमाई पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की छूट बंद होने से वे ट्रेनों से सफर करने से कतराएंगे, जिससे रेलवे को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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