रांची: विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य के कई जिलों में हाथियों द्वारा जानमाल, घरों के तोड़-फोड़ एवं खेतों की खड़ी फसल को नुकसान होने पर सरकार की ओर से मुआवजा देने का प्रावधान है. वर्तमान में मौत होने पर चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है.
वहीं फसलों की क्षतिपूर्ति होंने पर 40 हजार रुपये मुअावजा दिया जाता है. वन विभाग ने हाथियों से जानमाल की क्षति होने पर मुआवजा वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत जानमाल की क्षति होने अब चार लाख की जगह साढ़े छह लाख व फसलों की क्षतिपूर्ति की राशि को 40 हजार से बढ़ा कर 65 हजार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
यह प्रस्ताव विचाराधीन है. कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाडी की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में मंत्री ने यह बातें कही. श्री कोंगाडी ने सिमडेगा जिले में हाथियों द्वारा किये जा रहे हो जान-माल के नुकसान के बाद क्षतिपूर्ति की राशि के बढ़ाने का आग्रह किया.
साथ ही हाथियों से प्रभावित इलाकों में विभाग की ओर से विशेष योजना चलाने की मांग की. इस पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि वर्तमान में मुआवजे का भुगतान 18 सितंबर 2017 में उल्लेखित प्रावधान के तहत किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में अभी तक 119.73 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया गया है.
मुआवजा वृद्धि का प्रस्ताव विचाराधीन है. इस पर नियमानुसार निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि हाथियों का पलायन शहरी क्षेत्रों में नहीं हो, इसको लेकर सिमडेगा वन क्षेत्र में पांच लाख वृक्ष लगाये गये हैं. इसके अलावा हाथियों को पानी पीने के लिए जगह-जगह चेकडैम व नहर का निर्माण कराया गया है. इस दौरान विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि जामताड़ा में भी हाथियों का तांडव है. अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार को मुआवजा की राशि को बढ़ा कर 10 लाख रुपये करना चाहिए.
Posted By: Sameer Oraon