सरकारी पैसों की बंदरबाट व बर्बादी देखनी है तो गुमला के तेलगांव व करौंदी पंचायत है. यहां किस कदर रूर्बन मिशन में लूट हुई है.यह सच खुद रूर्बन मिशन की योजनाएं बयां कर रही है. गुमला शहर से सटे करौंदी पंचायत के सिलम घाटी में यात्री शेड बनाया गया है. लाखों रुपये खर्च हुआ. दो साल पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका ऑनलाइन उदघाटन भी किया.
परंतु आज तक यात्री शेड का उपयोग नहीं हुआ और यह बेकार पड़ा हुआ है. यहां बता दें कि सिलम घाटी में जिस स्थान पर यात्री शेड बना है. जहां यात्री शेड है. वहां पास घाटी है. इसलिए घाटी में बस खड़ी नहीं होती है और इसी स्थान पर बस पड़ाव बना दिया गया है. आज तक कभी यहां बस खड़ी नहीं हुई है और न ही यात्री कभी बस का इंतजार करते नजर आये हैं. यात्री शेड के ठीक सामने सीआरपीएफ कैंप भी है.
इस कारण यहां बस खड़ी करने व लोगों को बेवजह भीड़ लगाने पर रोक है. जबकि बस पड़ाव करौंदी पंचायत मुख्यालय से दो किमी दूर भी है. जहां आसपास कोई घनी आबादी भी नहीं है. सिर्फ सीआरपीएफ कैंप, बगल में मूक बधिर स्कूल, रिमांड होम व अग्निशमन विभाग है.
जिस स्थान पर यात्री शेड बना है. वहीं पास मार्केट कॉम्पलेक्स भी बनाया गया है. 10 रूम की दुकान है. दो साल पहले दुकान बनी थी. जिसका शटर आज तक बंद है. दुकानों को चलाने के लिए किसी को दिया भी नहीं गया है. चूंकि जिस स्थान पर मार्केट कॉम्पलेक्स है.
वहां घनी आबादी नहीं रहने के कारण यहां दुकान चलाना मुश्किल है. सिर्फ यहां कोई होटल या गैरेज ही चल सकता है. परंतु सीआरपीएफ कैंप सामने होने के कारण होटल भी चलाना मुश्किल है. सुजीत नंदा, बालेश्वर सिंह, दिनेश सिंह ने कहा कि सिलम घाटी में यात्री शेड व मार्केट कॉम्पलेक्स बनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. सिर्फ योजना की राशि का बंदरबांट करने के लिए यहां भवन बनाया गया है.
अगर पंचायत का रूर्बन मिशन के तहत विकास करना था तो उपयोगी स्थल पर भवन बनाना चाहिए था. प्रशासन को चाहिए कि मार्केट कॉम्पलेक्स का भवन बेकार न हो. इसके लिए इसका उपयोग हो.