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Jharkhand: निजी स्कूलों में BPL बच्चों की 80 हजार सीटें रिक्त, हर साल होना है 10 हजार सीटों पर नामांकन

हर साल निजी स्कूलों में 10 हजार सीटें बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित रखी जाती है, लेकिन 10 साल में केवल 21,178 बच्चों का नामाकंन हो सका है. ये आंकड़े स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जारी किये हैं

रांची: राज्य के मान्यता प्राप्त स्कूलों में नियमानुसार हर साल 10 हजार सीटें बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित रखी जाती हैं. ऐसे में 2011-12 से लागू नियम के अनुसार, अब तक एक लाख बीपीएल बच्चों का नामांकन होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से मात्र 21,178 बीपीएल बच्चों का ही नामांकन निजी स्कूलों में हो पाया. दस वर्ष में लगभग 80 हजार सीटें रिक्त रह गयीं.

निजी स्कूलों में हर साल बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित सीटें रिक्त रह जा रही हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पिछले 10 साल में निजी स्कूलों में नामांकित बीपीएल बच्चों के आंकड़े जारी किये हैं, इसके बाद यह खुलासा हुआ है. नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत राज्य में वर्ष 2011-12 से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों का नामांकन लिया जा रहा है. लेकिन सही ढंग से गरीब परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

ऐसे समझिए नामांकन का गणित

400 कुल मान्यता प्राप्त स्कूल जिसमें नामांकन लिया जाता है

100 कुल सीट औसतन इंट्री कक्षा में नामांकन की

25 आरक्षित सीट बीपीएल बच्चों के लिए

10000 उपलब्ध सीट नामांकन के लिए एक साल में

21178 नामांकन वर्ष 2011-12 से वर्ष 2021-22 तक

ऑन िरकॉर्ड 400 स्कूलों में नामांकन का है प्रावधान

विभाग को जिलों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, राज्य में लगभग 400 मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बीपीएल बच्चों के नामांकन का प्रावधान है. विद्यालयों में इंट्री कक्षा (जो विद्यालय की पहला कक्षा हो) में कुल सीट की 25 फीसदी पर बीपीएल बच्चों के नामांकन का प्रावधान है. ऐसे में अगर राज्य में कुल 400 स्कूलों में औसतन एक विद्यालय में इंट्री कक्षा में 100 बच्चों का नामांकन भी होता है, तो हर विद्यालय में 25 बीपीएल बच्चों का नामांकन होना चाहिए.

स्कूलों को दिये गये 10.8 करोड़ रुपये

निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बीपीएल बच्चों का शिक्षण शुल्क सरकार द्वारा दिया जाता है. स्कूल को एक बच्चे के लिए प्रति वर्ष 5100 रुपये दिये जाते हैं. एक माह के लिए 425 रुपये शिक्षण शुल्क दिया जाता है. राज्य के निजी स्कूलों को सरकार द्वारा बीपीएल बच्चों के शिक्षण शुल्क के मद में अब तक 10.8 करोड़ रुपये दिये गये हैं. शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को शिक्षण शुल्क के लिए दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है.

रांची में भी प्रति वर्ष रिक्त रह जाती हैं सीटें

रांची में निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए 1052 सीटें आरक्षित हैं. रांची के 97 मान्यता प्राप्त स्कूलों में नामांकन के लिए आवेदन मांगा गया है. वर्तमान में नामांकन के लिए आवेदन जमा लिया जा रहा है. पिछले दो वर्षों के नामांकन की स्थिति को देखा जाये, तो रांची में बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित आधे से अधिक सीटें रिक्त रह गयीं. वर्ष 2020-21 में 402 व वर्ष 2021-22 में 435 बच्चों का नामांकन लिया गया था.

ऐसे होता है नामांकन :

स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया डीएसइ कार्यालय द्वारा शुरू की जाती है. अभिभावक डीएसइ कार्यालय के निर्देश के अनुरूप स्कूलों में आवेदन जमा करते हैं. आवेदन की जांच के बाद नामांकन के लिए चयनित विद्यार्थियों का नाम जारी किया जाता है.

इनका होता है नामांकन :

नामांकन के लिए किये गये प्रावधान के अनुरूप अभिवंचित समूह (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय, 40 प्रतिशत से अधिक नि:शक्तायुक्त एवं अनाथ बच्चे)एवं कमजोर वर्ग (जिनके परिवार की सभी स्रोतों से वार्षिक आय 72 हजार से कम हो) का नामांकन लिया जाता है.

पांच किमी दूर तक के बच्चों का नामांकन :

स्कूल से पांच किलोमीटर की दूरी तक के बच्चों का नामांकन लिया जाता है. इसमें दूरी के आधार पर नामांकन में प्राथमिकता दी जाती है. स्कूल से जिस बच्चे के आवास की जितनी कम दूरी होती है, उसे नामांकन में पहली प्राथमिकता दी जाती है.

क्या कहते हैं राज्य के शिक्षा मंत्री

राज्य में मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए 25 फीसदी सीट आरक्षित है. इसके लिए जिला स्तर पर नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाती है. विद्यालयों में सीट रिक्त रहने का मामला संज्ञान में है. अभिभावकों द्वारा आवेदन भी कम जमा किया जाता है. अभिभावक अधिक से अधिक आवेदन जमा करें, जिससे कि बच्चों का नामांकन हो सके. अगर विद्यालयों द्वारा नामांकन नहीं लिया जाता है तो इसकी भी जानकारी दें. स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन हो, इसके लिए प्रयास किया जायेगा.

जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री झारखंड

Posted By: Sameer Oraon

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