रांची : सहारा कंपनी में अनुमानत: झारखंड के तीन लाख लोगों का 2500 करोड़ रुपये फंसा है. गुरुवार को विधानसभा में सहारा में निवेश करने वालों के पैसे वापस नहीं होने का मामला उठा. सरकार का कहना था कि सहारा परिवार लिस्टेड कंपनी है. इसके रेगुलेशन का अधिकार राज्य के पास नहीं है. विधायक नवीन जायसवाल के सवाल पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह सही है कि सहारा में गांव-देहात के लोगों का पैसा फंस गया है.
ये छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले लोग हैं. दो तरह की कंपनी है. एक रेगुलेटेड और एक नॉन रेगुलेटेड. चिटफंड कंपनियों पर हम कार्रवाई कर सकते हैं. लेकिन सहारा लिस्टेड कंपनी है. इसको सेबी कंट्रोल करती है. श्री उरांव ने सदन को बताया कि वित्त विभाग की ओर से सेबी को और सहारा के मालिक को पत्र लिखा गया है. हम जागरूक और सचेत हैं.
विधायक नवीन जायसवाल ने मामला उठाते हुए कहा कि राज्य में तीन लाख लोगों का 2500 करोड़ रुपये फंसा है. लोगों की गाढ़ी कमाई फंसी है. राज्य सरकार हेल्पलाइन नंबर जारी करे, इसके बाद पता चलेगा कि तीन लाख लोगों में कौन-कौन हैं. कितना पैसा फंसा है. सरकार आकलन कर पायेगी. यहां के किसान, मजदूर, मूलवासी-आदिवासी का पैसा फंसा है. उन्होंने कहा कि सहारा में काम करनेवाले 65 हजार लोगों का जीना मुश्किल हो गया है़
स्थिति ऐसी है कि किसी की भी जान जा सकती है. वित्त मंत्री श्री उरांव ने सदन को बताया कि सहारा ने पत्र के माध्यम से बताया है कि 24 हजार करोड़ रुपये सेबी के पास जमा है. सुप्रीम कोर्ट ने चल-अचल संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी थी. लेकिन बिक्री पर रोक हटी, तो बिक्री से प्राप्त राशि को सेबी में जमा करा दिया गया है. श्री उरांव ने बताया कि कंपनी के अनुसार 17 हजार 526 बांड धारकों का 138़ 07 करोड़ रुपये उनके खाताें में जमा करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि सहारा परिवार के खिलाफ जो शिकायत मिल रही है, उसे हम देख रहे हैं. वित्त विभाग हरसंभव प्रयास करेगा़
Posted By: Sameer Oraon