रांची: राज्य सरकार झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं देगी़ सरकार आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग को मजबूत करेगी़ गुरुवार को आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो ने विधानसभा में आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने से संबंधित सवाल सरकार से किया़ संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने श्री महतो के सवाल पर कहा कि स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देश की आजादी में हिस्सा लेने वालों को दिया जाता है.
झारखंड या वनांचल आंदोलन में यहां के आंदोलनकारियों को ऐसा दर्जा नहीं दिया जा सकता है़ यह अलग झारखंड राज्य की लड़ाई थी़ सरकार इनके सम्मान में मानदेय देती है और मानदेय बढ़ाया भी गया है़ मंत्री ने मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी की जानकारी सदन को दी़
श्री महतो का कहना था कि आंदोलनकारियों को मान-सम्मान चाहिए़ ये पेंशननुमा कुछ देने की बात नहीं है़ झारखंड की माटी के लिए लड़ने वाले है़ं श्री महतो ने सवाल उठाया कि आंदोलनकारियों के लिए चिह्नितीकरण आयोग के पास कोई वित्तीय अधिकार नहीं है़ इसके पास कोई संसाधन नहीं है़ उन्होंने सरकार से पूछा कि आप बतायें कि आंदोलनकारियों के चिह्नितीकरण के बने आयोग के पास कितने आवेदन लंबित है़ं
श्री महतो ने ही बताया कि आयोग ने पांच हजार को चिह्नित किया है व सात हजार लंबित है़ं डॉ लंबोदर महतो का कहना था कि आंदोलन में जिन लोगों ने जान गंवाई है, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए़ आज तक सरकार ने इससे संबंधित कोई अधिसूचना जारी नहीं की है़
सत्ता पक्ष के विधायक स्टीफन मरांडी का कहना था कि आयोग को केवल एक्सटेंशन मिल रहा है़ आयोग को वित्तीय अधिकार और संसाधन नहीं है़ आयोग को सुदृढ़ किया जाये, सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए़ सत्ता पक्ष के ही विधायक मथुरा प्रसाद महतो का कहना था कि केवल जेल जाने वालों को ही नहीं, बाहर रह कर लड़ाई लड़ने वाले को भी सम्मान मिले़
रांची. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि सदन के अंदर ज्यादातर आंदोलनकारी ही है़ं उन्होंने कहा कि आयोग का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है़ इसका भी ध्यान रखना होगा़ इससे पहले विधायक दीपक बिरुआ का कहना था कि आयोग को मरियल टाइप बना दिया गया है़ आंदोलनकारी परिवार को नौकरी मिलना चाहिए़ बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था हो़ हमारी सरकार आंदोलन की उपज है़
Posted By: Sameer Oraon