पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है और अबतक जो रुझान सामने आये हैं उसके अनुसार भाजपा उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत की ओर अग्रसर है. जबकि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसकी सरकार बनती दिख रही है. वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी का झाड़ू चल गया है. आम आदमी पार्टी 90 सीटों पर आगे चल रही है.
आज आज सुबह आठ बजे से मतगणना का कार्य प्रारंभ हुआ. अबतक के रुझान में यूपी में भाजपा 270 सीट पर आगे है जबकि सपा को 120 सीट पर बढ़त हासिल है. वहीं उत्तराखंड में भाजपा 44 सीट और कांग्रेस 20 सीटों पर आगे है. गोवा में भाजपा को 17 और कांग्रेस को 12 सीट पर बढ़त हासिल है. आज की मतगणना से आने वाले परिणाम का पूरे देश को इंतजार है, क्योंकि यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव की रूपरेखा तय करेगा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कुल सात चरणों में विधानसभा चुनाव हुए हैं. आखिरी चरण सात मार्च को संपन्न हुआ. यूं तो विधानसभा चुनाव की मतगणना का इंतजार सभी पार्टियां बेसब्री से कर रही हैं, लेकिन एक्जिट पोल से आये नतीजों ने पार्टियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. एक्जिट पोल की मानें तो उत्तराखंड, यूपी और मणिपुर में भाजपा सरकार में वापसी कर रही है, जबकि गोवा में कांटे की टक्कर है जिसमें कांग्रेस भाजपा से आगे है. वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है.
पांचों चुनावी राज्यों में मतगणना के लिए चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है. वहीं उत्तर प्रदेश में ईवीएम को लेकर विवाद के बाद आयोग ने वाराणसी में ईवीएम से संबंधित नोडल अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को हटाने की घोषणा की. आयोग ने यह कदम समाजवादी पार्टी (सपा) के इस आरोप से उत्पन्न भारी विवाद के बाद उठाया गया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) अनधिकृत तरीके से स्थानांतरित की जा रही थीं. आयोग ने पांच राज्यों में लगभग 1,200 हॉल में मतगणना के लिए 50,000 से अधिक अधिकारियों को तैनात किया गया है और कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे से कोरोना प्रोटोकाॅल के साथ मतगणना की व्यवस्था की है.
उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है, जहां 403 विधानसभा क्षेत्र हैं. यहां 750 से अधिक मतगणना हॉल होंगे. यूपी में कहने को तो मुकाबला बहुकोणीय है, लेकिन सच्चाई यह है कि मुख्य मुकाबल बीजेपी और सपा के बीच ही है. योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार बचा पायेंगे या नहीं यह उनके लिए प्रतिष्ठा से जुड़ा मामला है. चूंकि यह कहा जाता है कि यूपी से होकर ही पीएम की कुर्सी तक का रास्ता जाता है, इसलिए यूपी को जीतने के लिए भाजपा के दिग्गजों ने एड़ी-चोटी एक की है. पीएम मोदी ने भी आखिरी चरण के मतदान के लिए प्रचार करते हुए वाराणसी में डेरा डाला था. वहीं सपा के नेता अखिलेश यादव सत्ता में वापसी के लिए पूरे जोर-शोर से जुटे हैं.
पंजाब में 117 विधानसभा सीट हैं और वर्तमान में वहां कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस के अंतर्कलह की वजह से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा और अलग पार्टी बनाकर भाजपा के साथ आ गये हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने भी यहां महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने सहित कई लोकलुभावन घोषणा करके सत्ता पर कब्जा करना चाहती है. एक्जिट पोल में आप की सरकार का दावा भी किया गया है. वहीं कांग्रेस ने दलित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के सहारे बैतरणी पार करने की कोशिश की है. भाजपा और अकाली दल को किसान आंदोलन का खामियाजा भुगताना पड़ा है और वे रेस में काफी पीछे नजर आ रहे हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए करूणा राजू ने कहा है कि मतगणना के मद्देनजर सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है और मतगणना केंद्रों के बाहर लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गयी है. पंजाब में 200 से अधिक मतगणना हॉल होंगे.
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए भी मतगणना की पूरी तैयारी कर ली गयी है. इधर एक्जिट पोल आने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने संभावित स्थिति के मद्देनजर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को मतदान हुआ था. अभी यहां भाजपा की सरकार है. उत्तराखंड की जनता ने अबतक लगातार दो बार किसी पार्टी को सरकार चलाने की इजाजत नहीं दी है अब देखना यह है कि इस बार क्या होता है. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है. कुछ एक्जिट पोल में भाजपा या कांग्रेस को उत्तराखंड में बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है लेकिन ज्यादातर में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की है. इस परिदृश्य में सरकार बनाने में निर्दलीय, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल जैसे क्षेत्रीय दलों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022 के लिए एग्जिट पोल में भाजपा की जीत का अनुमान व्यक्त किए जाने के बाद पार्टी बृहस्पतिवार को होने वाली मतगणना को लेकर जहां आश्वस्त दिख रही है वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि वह इस राज्य में अपनी विरोधी को सत्ता में वापसी करने से रोक लेगी. राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अगले कुछ दिनों तक दो मुख्य दलों में से किसी एक के संभावित दबदबे की उम्मीद के बीच दोनों में से किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), जद(यू) अहम भूमिका निभा सकते हैं. मणिपुर में 60 विधानसभा क्षेत्र हैं.
गोवा में भी मतदान का कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होगा. राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार उसके पक्ष में स्पष्ट जनादेश मिलेगा. गोवा में दो प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस के अलावा कई छोटे और क्षेत्रीय संगठनों की मौजूदगी के कारण विधानसभा की 40 सीटों के लिए 302 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिसमें बहुकोणीय मुकाबला देखा गया. अधिकतर एग्जिट पोल ने गोवा में खंडित जनादेश का अनुमान जताया है, जिससे राजनीतिक दलों को मतगणना के बाद के परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार करनी पड़ी है.