ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की मृत्यु पर पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान किया है. विभाग ने विधानसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है. संविदा कर्मियों की ओर से लंबे समय से यह मांग की जा रही थी.
केंद्र सरकार ने भी कई बार राज्य सरकार को मुआवजे का प्रावधान लागू करने का निर्देश दिया था. ग्रामीण विकास के अलावा भवन निर्माण,पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य,पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग ने भी अपनी-अपनी रिपोर्ट में चालू वित्तीय वर्ष में हुए कार्यों और अगले वित्तीय वर्ष के कार्ययोजना की जानकारी दी.मनरेगा में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की काम के दौरान मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये मुआवजा मिलेगादुर्घटना की स्थिति में इलाज का खर्च या अधिकतम 50 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा.
इसकी मांग लंबे समय से मजदूर भी कर रहे थे. इससे पहले भी सरकार ने मनरेगा मजदूरों के लिए नीति बनायी थी जिसमें मनरेगा मजदूरों की दुर्घटना में या अप्राकृतिक मौत होने पर 75 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया था. यह राशि उनके आश्रितों को दी जायेगी. वहीं दुर्घटना में आंशिक रूप से विकलांग होने पर 37,500 रुपये व सामान्य मृत्यु पर 30,000 रुपये दिये जाने का ऐलान किया था.
मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित डोभा में डूब कर मरने पर आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के रूप में 50,000 रुपये का भुगतान करने का प्रावधान था लेकिन अब सरकार की नयी नीति के तहत मनरेगा में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की मृत्यु पर पांच लाख रुपये का मुआवजा का ऐलान कर दिया है जिससे मजदूरों को बड़ी राहत मिली है.