Jharkhand news: स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत खूंटी जिले में हो रहे ड्रोन सर्वे के विरोध में मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, आदिवासी एकता मंच, मुंडारी खुंटकट्टी परिषद, संयुक्त पड़हा समिति और विभिन्न ग्रामसभा के द्वारा जादुर अखड़ा में सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर खूंटी जिला के विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे.
सभा को संबोधित करते हुए दयामनी बारला ने कहा कि लोगों से सहमति लिए बिना ही ड्रोन सर्वे किया जा रहा है. सर्वे कर जमीन का डिजिटल नक्शा बनाया जायेगा. सर्वे के विरोध में डीसी समेत सीओ एवं अन्य पदाधिकारियों को आवेदन दिया गया, लेकिन कोई पहल नहीं की जा रही है. कहा कि मांगें नहीं सुने जाने पर विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री आवास, स्थानीय सांसद और विधायक का घेराव किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार स्वामित्व योजना की सच्चाई बताये. योजना का असली मकसद क्या है. राज्य सरकार भी बताये कि योजना को लागू करने के लिए कब कैबिनेट और टीएसी से पारित किया गया. क्यों अफरा-तफरी में योजना संचालित की जा रही है. कहा कि वन नेशन वन सॉफ्टवेयर के तहत संपत्ति का डिजिटल नक्शा तैयार किया जा रहा है. पांचवीं अनुसूची, सीएनटी क्षेत्र और मुंडारी खूंटकट्टी क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन का परंपरागत स्वामित्व अधिकार गांव के पास है.
Also Read: खूंटी के ताेरपा में ड्रोन सर्वे का विरोध, दो घंटे तक सीओ का किया घेराव, जानें क्यों नाराज हैं ग्रामीणसभा को विभिन्न वक्ताओं ने भी संबोधित किया. इस दौरान पांचवीं अनुसूची को कड़ाई से लागू करने, 1932 के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने और सीएनटी एक्ट को कड़ाई से लागू करने की भी मांग की गयी. सभा के बाद एक प्रतिनिधिमंडल मांगों को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा. इस मौके पर तुरतन टोपनो, अलबर्ट होरो, आनंद टोपनो, सुलेमान टोपनो, शिवचरण मिश्र, दयाल कोंगाड़ी, रेजन टोपनो, निर्मल आईंद, रंजीत टोपनो सहित अन्य उपस्थित थे.
रिपोर्ट : चंदन कुमार, खूंटी.