जूही स्मिता: पटना. लगातार कई दिनों तक 12 से 14 घंटे की ड्यूटी. हर दिन खुद को मोटिवेट करना. खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए हर तरह की सावधानी बरतना और फिर लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगवाने के लिए प्रेरित करते रहना. अपने दायित्व के प्रति समर्पण की यह कहानी पटना के दो हेल्थ वर्कर माया यादव और वंदना कुमारी की है. इन्होंने दो लाख से अधिक कोरोना टीका लगाने का रिकॉर्ड बनाया है और अब इनके इस काम की बदौलत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सम्मानित किया जायेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देशभर की उन 40 महिला स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने का फैसला किया है, जिन्होंने अपने अपने प्रदेशों में सबसे अधिक संख्या में टीकाकरण किया है. इन 40 महिला स्वास्थ्य कर्मियों में बिहार के पटना जिले की दोनों महिला स्वास्थ्य कर्मियों को भी शामिल किया गया है.
नालंदा की रहने वाली वैक्सीनेटर वंदना कुमारी पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थित टीकाकरण केंद्र पर तैनात हैं. उन्होंने अब तक 240 सेशन साइट्स में 2,17,400 टीकाकरण किया जो राज्य का सर्वाधिक टीकाकरण का रिकॉर्ड है. वंदना बताती हैं कि पिछले साल जून से वे केयर इंडिया के तहत लोगों को वैक्सीन दे रही हैं. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वैक्सीनेशन में वह कोई बड़ा रिकॉर्ड बना पायेंगी, लेकिन उन्होंने लोगों को मोटीवेट कर वैक्सीनेशन में बिहार का मान देश में बढ़ाया है. उन्होंने लगातार कभी 12 घंटे, तो कभी इससे भी ज्यादा घंटों की भी ड्यूटी की है. कोरोना काल में उन्हें परिवार से दूर भी रहना पड़ा. कई दिनों तक लगातार ड्यूटी की वजह से वह बीमार भी हो गयीं, लेकिन ड्यूटी नहीं छोड़ी. वह कहती हैं, इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय उनके परिवार वालों को भी जाता है जिन्होंने उन्हें हर कदम पर सहयोग किया.
माया यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की रहने वाली हैं. उनका पूरा परिवार गाजीपुर में रहता है और वह पटना में मीठापुर में रहती हैं. वह केयर इंडिया की तरफ से 24 घंटे, सातों दिन वैक्सीनेशन सेंटर में लगातार ड्यूटी कर रही हैं. पहले गुरुनानक भवन स्थित टीकाकरण केंद्र में ड्यूटी थी. इन दिनों पटना एयरपोर्ट पर तैनात हैं. माया का कहना है कि जब उन्हें वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने इसे चुनौती के तौर पर लिया. शुरुआत में लोग दिन में वैक्सीनेशन के लिए नहीं आते थे.
रात में टीका के लिए आना बड़ा मुश्किल था. उन्होंने इसके लिए लोगों को मोटिवेट करने का अभियान चलाया. खास तौर पर महिलाओं से मिलतीं और उन्हें टीकाकरण के फायदे बतातीं. इसी तरह कई दिनों तक वह लोगों को मोटिवेट करती रहीं और उन्हें वैक्सीनेशन के लिए तैयार किया. माया बताती हैं , बस एक ही लक्ष्य पर काम किया कि जैसे भी हो लोगों को अधिक से अधिक टीका लगाना है. उन्होंने अब तक 517 सेशन साइट में 2,73,732 वैक्सीनेशन करने का रिकॉर्ड बनाया है.