झारखंड में शराब को लेकर नया कानून बन रहा है. इसे जल्द ही लागू किया जायेगा. इसके तहत अगर किसी के पास एक साथ पांच लीटर से अधिक शराब मिलती है तो उसके खिलाफ गैरजमानतीय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगायी शराब नीति में छत्तीसगढ़ का कंसल्टेंट बहाल किया गया है. सरकार नयी शराब नीति के तहत राज्य के राजस्व पर फोकस कर रही है.
एक ही निजी एजेंसी पूरे राज्य में शराब की दुकानें खोलेगी. पांचों प्रमंडलों में उसका अपना गोदाम होगा। एजेंसी खुद शराब मंगाएगी और बेचेगी. दुकान में एजेंसी के ही लोग काम करेंगे. छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) को झारखंड सरकार ने परामर्शी नियुक्ति किया है.
सरकार को भरोसा है कि यह कंपनी राज्य के राजस्व बढ़ोतरी के लिए काम करेगी इस कंपनी ने छत्तीसगढ़, केरल और तमिलनाडु की तर्ज पर निजी एजेंसी द्वारा दुकान चलाने का सुझाव दिया है. कंपनी का कहना है कि इससे शराब की कीमत बढ़ाए बिना अभी मिल रहे 1900 करोड़ की जगह 2500 करोड़ का राजस्व मिलेगा.
अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा. जितनी शराब बनेगी और सभी की इलेक्ट्रॉनिक ट्रेसिंग होगी. रिटेलरों तक शराब पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ी की भी GPS से ट्रैकिंग की पूरी तैयारी है. नई नीति से शराब के लोकप्रिय ब्रांड महंगे होंगे. क्योंकि कंपनी अपनी सुविधा के मुताबिक शराब मंगाएगी। इससे झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में बनने वाले साधारण ब्रांड की शराब सस्ती हो सकती है, लेकिन लोकप्रिय ब्रांड की शराब महंगी हो जाएगी