भागलपुर के काजीवली चक विस्फोट के 75 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी मामले का इकलौता जीवित नामजद अभियुक्त मोहम्मद आजाद पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इधर स्थानीय कुछ लोगों और घटना से संबंध रखने वाले कुछ लोगों का मानना है कि मोहम्मद आजाद बारूद के अवैध कारोबार का बड़ा प्यादा है. जिसे पुलिस 75 घंटे बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वह पुलिस के मानवीय और वैज्ञानिक सूत्रों को आसानी से चकमा दे रहा है.
जानकारी के अनुसार पुलिस की दबिश के बाद शुक्रवार देर रात ही मो आजाद अपने घर से फरार हो गया था. पुलिस की जांच में मो आजाद का ससुराल मुजफ्फरपुर होने की बात सामने आयी थी. इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर आजाद की गिरफ्तारी के लिये विशेष टीम का गठन कर उसे मुजफ्फरपुर भेजा गया. रविवार सुबह पहुंची टीम ने आजाद के ससुराल सहित उसके अन्य रिश्तेदारों के घर पर छापेमारी भी की. पर मो आजाद पुलिस के हाथ नहीं लगा. जिसके बाद पुलिस खाली हाथ ही मुजफ्फरपुर से लौट गयी.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर पुलिस ने काजीवली चक विस्फोट में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये अलग से टीम का गठन किया है. जो कि मामले के अभियुक्तों के मोबाइल के सीडीआर जांच में निकले मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर रही है. यह भी जानकारी मिली है कि मामले में पुलिस ने 50 से अधिक मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया है. साथ ही उक्त मोबाइल का लोकेशन की भी जांच की जा रही है.
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मिली जानकारी के अनुसार विस्फोट के बाद ध्वस्त हुए घरों से मिले मोबाइलों को भी वैज्ञानिक जांच के लिये विशेष टीम को सुपुर्द किया गया है. हालांकि किसी भी पुलिस अधिकारी ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
Published By: Thakur Shaktilochan