प्रमोद झा: पटना निगम की ओर से सूखा व गीला कचरा को अलग-अलग करने के लिए किये जा रहे जागरुकता का प्रयास सफल दिख रहा है. घरों में गीले कचरे से खाद बनाने की तकनीक की जानकारी देने का लाभ मिल रहा है. निगम क्षेत्र में लगभग 6000 घरों में गीले कचरे से खाद बनायी जा रही है. घरों में गीले कचरे से खाद बनाने को लेकर निगम की ओर से उन घरों से कचरा शुल्क नहीं लिया जायेगा.
इसके अलावा सप्ताह में एक दिन उन घरों से सूखे कचरे के कलेक्शन का काम निगम की ओर से किया जायेगा. लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए निगम ने यह निर्णय लिया है. जिन घरों में गीला कचरा से खाद बनाने का काम हो रहा है. उन घरों को कचरा शुल्क नहीं देना होगा. निगम में 6000 घरों में गीला कचरा से खाद बनाया जा रहा है. कचरा शुल्क के एवज में प्रत्येक घर से प्रति माह 30 रुपये लिया जाता है. इन घरों से कचरा शुल्क देने में छूट मिलेगी.
निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि नूतन राजधानी अंचल में 1295, पाटलिपुत्र अंचल में 1290, कंकड़बाग अंचल में 890, बांकीपुर अंचल में 960, अजीमाबाद अंचल में 810 व पटना सिटी अंचल में 640 घरों में गीले कचरे से खाद बनायी जा रही है. घरों में तैयार खाद का उपयोग लोग बागवानी के लिए कर रहे हैं. सूत्र ने बताया कि अपने घर में कचरे के निष्पादन को लेकर प्रोत्साहन के लिए सप्ताह में एक दिन उन घरों से सूखे कचरे का कलेक्शन फ्री होगा.
घरों से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग कर देने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही गीले कचरे से खाद बनाने की तकनीक भी बतायी जा रही है. सब्जी मंडियों के अलावा बड़े-बड़े होटलों में गीले कचरे से खाद बनाने में कचरा शुल्क में 50 फीसदी छूट का प्रावधान है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि गीले कचरे का अधिक से अधिक उपयोग खाद बनाने में होने से शहर अधिक स्वच्छ रहेगा.