भागलपुर के काजीवलीचक में हुए विस्फोट की घटना में अब तक 14 शव बरामद हो चुके हैं. इस घटना को पुलिस प्रथम दृश्यता अवैध तरीके से पटाखा निर्माण के दौरान हुए धमाके की थ्योरी बताकर पेश कर रही है. लेकिन यह धमाका केवल पटाखा निर्माण में हुए विस्फोट की ओर इशारा नहीं बल्कि कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है.
काजीवलीचक के जिस मकान में यह धमाका हुआ उसका गृहस्वामी मोहम्मद आजाद है, जो घटना के बाद से फरार है. बारूद के खेल को संचालित करने वाली लीलावती की मौत इसी हादसे में हो गयी. विस्फोट इतना भयानक था कि कई किलोमीटर तक इसकी धमक महसूस की गयी.
धमाके से आस-पास के कई मकान ध्वस्त हो गये. ये धमाका केवल पटाखा बनाने के दौरान का नहीं लगता. पड़ोसियों ने भी खुलकर बयान दिये हैं कि यहां सरेआम दशहत मचाने वाला बम तैयार किया जाता था. मौके पर जांच के दौरान भी कुछ ऐसे ही साक्ष्य बरामद हुए हैं.
घर के भीतर से काफी मात्रा में कील भी बरामद हुए हैं. जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां केवल पटाखा बनाने के लिए बारूद का यूज नहीं किया जाता होगा. बल्कि अपराधियों द्वारा प्रयोग किया जाने वाले घातक बम भी बनाया जाता था. जांच के दौरान कई सारे केमिकलों की भी बरामदगी की बात सामने आ रही है. यानी यह भी स्पष्ट है कि पटाखा में इस्तेमाल किये जाने वाले विस्फोटकों को घातक बम बनाने में इन केमिकल का यूज होता होगा. डीजीपी ने भी प्रेस कांफ्रेंस में केमिकल की बात की.
मीडिया रिपोर्ट में हुई जिक्र के अनुसार, रसायन शास्त्र के जानकार बताते हैं कि भागलपुर का धमाका जिस स्तर का है वो पटाखा बनाने वाले साधारण बारूद से नहीं हो सकता. तबाही का मंजर बताता है कि ये कोई शक्तिशाली बम तैयार करने के दौरान हुई घटना से ही संभव है. यह विस्फोटक डाइनामाइट तैयार करने वाले या जिलेटिन की छड़ के कंपाउंड से ही संभव है. हालांकि इसकी जांच अभी बाकी है. इस धमाके में अब आतंकी कनेक्शन की भी जांच एटीएस के द्वारा की जा रही है.
Published By: Thakur Shaktilochan