UP Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें चरण को भेदने के लिए 7 मार्च को मतदान होगा. 9 जिलों की 54 विधानसभाओं को जीतने के लिए निकले सेनापति और सेनाएं अब बैरक में वापस चली गई हैं. अब जनता के हाथ में इन सभी की किस्मत की चाभी है. हिंदू-मुस्लिम, जाति-धर्म से शुरू हुई लड़ाई सातवें चरण तक पहुंचते-पहुंचते वैक्सीन, डबल इंजन का अनाज और फ्री आवास देने के दावे तक पहुंच गयी. जनता जनार्दन ने इन दावों, वादों को सुना और अब उसे ही फैसला सुनाना है.
2017 विधानसभा चुनाव में 54 सीटों में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 29 सीटें जीती थीं. जबकि उनके गठबंधन में शामिल अपना दल को 3, सुभासपा को 4 सीटें और निषाद पार्टी को 1 सीट मिली थी. इस तरह बीजेपी गठबंधन ने 54 में से 37 सीटें जीती थी. जबकि सपा को 11, बसपा को 6 सीटें मिली थी. हालांकि 2022 चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी छठे चरण के मतदान में ही बहुमत मिलने का दावाकर रही हैं. बीजेपी के सामने सातवें चरण में अपना वर्चस्व कार्य रखने की चुनौती है.
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सातवें चरण में बीजेपी ने 54 में से 48 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. अनुप्रिया पटेल के अपना दल (स) से 3 और संजय निषाद की निषाद पार्टी से 3 प्रत्याशी मैदान में हैं. सपा ने 45 सीटों, सुभासपा ने 7 और अपना दल (कमेरावादी) ने 2 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. खासबात यह है कि बीजेपी और सपा के अलावा सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर का पूरा राजनैतिक कैरियर दांव पर है.
राजभर वोटों के सहारे ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का ख्वाब संजोए बैठे हैं. वह स्वयं गाजीपुर की जहूराबाद सीट से मैदान में हैं. 2017 में वह यहां से बीजेपी के साथ गठबंधन में जीते थे. लेकिन इस बार समीकरण बिलकुल उलट हैं. इसके बावजूद इस चरण की कई सीटों पर राजभर उलटफेर की पूरी ताकत रखते हैं. जो राजभर 2017 में बीजेपी के साथ थे. वह इस बार सपा के पाले में कितना जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी. क्या राजभर अखिलेश यादव का बेड़ा पार लगा पाएंगे, यह बड़ा प्रश्न बना हुआ है?
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बीजेपी के साथ 2017 की तरह ही 2022 में भी अनुप्रिया पटेल हैं. पूर्वांचल में पटेल बिरादरी पर अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (स) की खासी पकड़ है. इसीलिए बीजेपी उन्हें नाराज नहीं करती. 2019 में केंद्र में सरकार बनने के बाद अनुप्रिया पटेल को मंत्री पद नहीं मिला था, लेकिन यूपी चुनाव को देखते हुए किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में अनुप्रिया को जगह मिल गई थी. क्योंकि वह लगातार बीजेपी से नाराजगी जता रही थी. उनके तेवरों को देखते हुए बीजेपी के रणनीतिज्ञों ने 2022 में कोई रिस्क नहीं उठाया.
2022 विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल की पार्टी को बीजेपी ने 17 सीटें दी हैं. वहीं राजभर वोटों की कमी को पूरा करने के लिए संजय निषाद की निषाद पार्टी भी बीजेपी के साथ है. बीजेपी के रणनीतिज्ञों को उम्मीद है कि ओम प्रकाश राजभर के जाने से जिस वोट बैंक की कमी हुई है, उसे संजय निषाद अपने निषाद वोट बैंक से पूरी कर देंगे. अब देखना है कि निषाद बीजेपी की नैया को पार लगा पाएंगे कि नहीं.