पटना. एक तरफ युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे सैकड़ों छात्र-छात्राएं वतन वापसी की कामना कर रहे हैं, तो वहीं अब उन सबों के बीच एक नयी परेशानी सामने आ गयी है. खार्किव के पोश्चिन में फंसे बिहार के एक छात्र ने वीडियो बना कर वहां की परेशानियों के बारे में बताया है. उसने बताया है कि इंडियन एंबेसी से अभी तक कोई सूचना नहीं मिल रही है और यहां के स्थानीय बस वाले अब गुंडागर्दी पर उतर गये हैं, मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. इतना ही नहीं यूक्रेन में बाहरी छात्रों से स्थानीय लोग उनके पैसे भी छीन रहे हैं.
भारत के 500 से अधिक छात्रों के पास खाने का सामान नहीं है. उनसे प्राइवेट बस के संचालक एक छात्र का 500 डॉलर ले रहे हैं. हालत इतनी खराब हो गयी है कि कभी भी बम के गोले छात्रों के समूह पर गिर सकते हैं. कोई सुनने वाला नहीं है. इधर, शुक्रवार को अलग-अलग 12 फ्लाइट से 227 छात्र पटना पहुंचे. अब तक यूक्रेन से 538 छात्र आ चुके हैं. पटना हवाइ अड्डे पर पहुंचे छात्रों के परिजन उन्हें अपने साथ ले गये. जिन छात्रों के परिजन नहीं पहुंचे उन छात्रों को जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था कर रवाना किया गया. शुक्रवार को बिहार फाउंडेशन की ओर से 18 छात्रों को मुंबई से पटना लाया गया.
इससे पहले मुंबई हवाई अड्डे उतरनेवाले छात्रों को बिहार फाउंडेशन के मुंबई चैप्टर द्वारा अल्पाहार उपलब्ध कराया गया. बिहार फाउंडेशन मुंबई चैप्टर के अध्यक्ष अभय कुमार के नेतृत्व में नूर मोहम्मद, आदित्य बाठला, विकास सेमिल, महेश मुरकर, विश्वास नागी, विशेष कार्य पदाधिकारी सुशील कुमार के नेतृत्व में प्रबंधक जनसंपर्क विकास सरकार, प्रोग्राम मैनेजर प्रदीप कुमार व प्रशासी अधिकारी राजीव कुमार का योगदान है. फाउंडेशन की ओर से अब तक 55 छात्रों को मुंबई से लाया गया है.
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बिहार की रहने वाली छात्रा निधि और जया यूक्रेन के पोश्चिन में फंसे हैं. दोनों चचेरी बहनें हैं और निधि के पिता बिपिन बिहारी ने बताया कि बेटी की रो-रो कर तबीयत बिगड़ गयी है. अब तो वहां के स्थानीय लोग बदसलूकी पर उतर गये हैं. पैसे छीने जा रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में फंसे छात्र-छात्रा काफी डर गये हैं. स्थिति यह है कि आपस में लोगों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है.