Vinayak Chaturthi 2022: पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी विनायक चतुर्थी होती है. चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है. इस दिन व्रत और उपवास करके गणेश जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 05 मार्च दिन शनिवार को रात 08 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है.
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त विनायक चतुर्थी की पूजा के लिए मुहूर्त 06 मार्च को दिन में 11 बजकर 22 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक है. इस दिन आपको चतुर्थी पूजा करने के लिए कुल 02 घंटे 21 मिनट का समय प्राप्त होगा.
शास्त्रों के अनुसार, चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय करने का विधान है. इस दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और पूजा में पुन: शुद्ध होकर पूजास्थल को गंगाजल से पवित्र कर लें. फिर वहां गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. पूजा में भगवान गणेश जी को पीले फूलों की माला अर्पित करने के बाद धूप-दीप, नैवेद्य, अक्षत और उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करें. इसके बाद उन्हें लड्डओं और मोदक का भोग लगाएं. अंत में व्रत कथा पढ़कर गणेश जी की आरती करें. रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मण को दान दक्षिणा देकर व्रता का पारण करें.
गणेश जी सभी देवों में प्रथम पूज्य हैं. इसीलिए किसी भी कार्य को करने से पहले गणेश जी का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि, यदि उनकी आराधना के समय नियमों का सही ढंग से पालन कर छोटे-छोटे उपाय किए जाये तो वे व्यक्ति के सभी संकटों को हरकर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूरी करते हैं.
विनायक चतुर्थी के दिन आग, पीपल या नीम से बने गणेश जी की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और साथ ही धन तथा सुख में वृद्धि होती है.
चतुर्थी के दिन दोपहर के समय गणेश जी को पूजा में सिंदूर अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती हैं.
गणेश विनायक चतुर्थी के दिन गणपति जी को 21 लड्डुओं अथवा मोदक का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
गणेश विनायक चतुर्थी के दिन पूजा में उन्हें 21 दूर्वा अर्पित करते हुए ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं.