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Ramakrishna Paramahamsa Jayanti 2022: आज है रामकृष्ण परमहंस जयंती, जानें इनके जीवन से जुड़े अनमोल वचन

Ramakrishna Paramahamsa Jayanti 2022: इस साल रामकृष्ण परमहंस जयंती 04 मार्च दिन शुक्रवार यानी आज है. इस दिन फूलेरा दूज भी है.

मां काली (Maa Kaali) के उपासक और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन माह (Phalguna Month) के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. इस साल रामकृष्ण परमहंस जयंती 04 मार्च दिन शुक्रवार यानी आज है. इस दिन फूलेरा दूज भी है. इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 03 मार्च को रात 09:36 बजे से शुरु हो रही है, जो अगले दिन 04 मार्च को रात 08:45 बजे तक मान्य है.

द्वितीया तिथि प्रारंभ व समाप्त

रामकृष्ण जयन्ती शुक्रवार, मार्च 4, 2022 को मनाई जाएगी.

द्वितीया तिथि प्रारम्भ – मार्च 03, 2022 को 09:36 pm बजे से.

द्वितीया तिथि समाप्त – मार्च 04, 2022 को 08:45 pm बजे तक.

रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद

रामकृष्ण जी ने अनेक सिद्धियाँ प्राप्त कीं. उन्होंने अपनी इंद्रियों को नियंत्रित किया और एक महान विचारक और उपदेशक के रूप में कई लोगों को प्रेरित किया. उन्होंने निराकार ईश्वर की उपासना पर बल दिया. अपने ज्ञान के प्रकाश के कारण उन्होंने नरेंद्र नाम के एक साधारण बालक को, जो अध्यात्म से कोसों दूर तर्क में विश्वास रखता था, उसे अध्यात्म से परिचित कराया.

भगवान की शक्ति से असीम शक्तियों का ज्ञान कराके, उन्हें नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बना दिया. देश को ऐसा बेटा दिया जिसने देश सरहदों से पर जाकर सम्मान दिलाया. जिन्होंने युवाओं को जगरूप कर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, तथा देश जागरूकता का अभियान चलाया और अपने गुरु को गुरु-भक्ति प्रदान की.

रामकृष्ण परमहंस विवाह, पत्नी और माता काली की भक्ति:

राम कृष्ण परमहंस जी माँ काली के अनन्य भक्त थे. उन्होंने खुद को देवी काली को समर्पित कर दिया था. भले ही रामकृष्ण परमहंस जी का विवाह शारदामणि से हुआ हो, लेकिन उनके विचार में स्त्री के प्रति एक ही आस्था थी, और वो थी माता की एक मात्र भक्ति. उन्हें सांसारिक जीवन के लिए कोई उत्साह नहीं था, इसीलिए सत्रह वर्ष की आयु में उन्होंने घर छोड़ दिया और माता काली के चरणों में आत्मसमर्पण कर दिया. वह दिन-रात साधना में लीन रहते थे, दूर-दूर से लोग उनके दर्शन करने आते थे और वे स्वयं भी दिन-रात मां काली की भक्ति में लीन रहते थे.

Ramkrishna Paramhansa Quotes: रामकृष्ण परमहंस के अनमोल वचन

1. धर्म पर बात करना आसान है, लेकिन उस पर अमल करना मुश्किल.

2. भगवान के प्रेमी किसी जाति के नहीं होते.

3. भगवान के कृपा की हवा तो हमेशा ही बह रही है, ये हमारे हाथ में है कि हम अपनी नाव की पाल चढ़ायें और ईश्वरीय कृपा की दिशा में बढ़ जाए.

4. तुम ईश्वर की चाहे जैसे प्रार्थना करो, वो उन तक पहुंचती है, ध्यान रखो वो चींटी के कदमों की आहट भी सुन सकते हैं.

5. भगवान तो सबके मन में हैं, लेकिन सबका मन भगवान में नहीं लगा है, इसलिए हम कष्ट और दुर्गति भोगते हैं.

6. अगर एक बार गोता लगाने में तुम्हें मोती न मिले, तुम्हें ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि समुद्र में रत्न नहीं होते.

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