नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उद्योग जगत से कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ 21वीं सदी के भारत की जरूरत है. उन्होंने उद्योग जगत से आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की अपील की है. उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि उन वस्तुओं के आयात में कटौती के प्रयास होने चाहिए जिनका उत्पादन भारत में हो सकता है.
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत को विनिर्माण शक्ति के रूप में देख रही है. उन्होंने कहा कि बजट में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिए की गई घोषणाएं उद्योग जगत एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान 21वीं सदी के भारत की जरूरत है और यह हमें हमारी क्षमता दिखाने का अवसर देता है. उन्होंने कहा कि हमें एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी शक्ति के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेष इस्पात और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में मेक इन इंडिया समय की जरूरत है और कोयला, खनन तथा रक्षा क्षेत्रों को खोलने से उद्योगों के लिए अपार अवसरों के मार्ग प्रशस्त हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में युवा प्रतिभाएं और कुशल मानव संसाधन हैं और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निर्यात को प्रोत्साहित करने और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड कानून में सुधार किए गए हैं.
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