UP Assembly Election 2022: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी स्थित कबीर चौरा मठ पहुंची. वह अगले 3 दिन तक यहीं पर रहेगी. कबीर चौरा मठ में संत कबीर दास ने अपना पूरा जीवन बिताया था. ये मठ कबीरदास की शिक्षाओं, संदेशों और स्मृतियों का केंद्र है. देशभर के कबीरपंथियों और कबीरदास जी को मानने वाले लोगों के लिए कबीर चौरा मठ एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है. 1934 में महात्मा गांधी का भी इस मठ में आगमन हुआ था. देश के पहले पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी यहां कई बार आ चुके हैं. राष्ट्रकवि रविंद्रनाथ टैगोर भी यहीं रुकते थे.
माना जा रहा है कि वाराणसी में कबीर चौरा मठ को अपना ठिकाना बनाकर प्रियंका गांधी ने एक बहुत बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है. संत कबीरदास के सामाजिक न्याय एवं समानता के संदेश से उत्तर प्रदेश का दलित और अति पिछड़ा वर्ग बहुत जुड़ाव रखता है. सातवें चरण में जहां चुनाव होना है, उन जगहों पर अति पिछड़ी जातियों एवं दलितों की संख्या अच्छी-ख़ासी है. साथ ही संत कबीरदास का सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है.
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प्रियंका गांधी ने अपने घोषणा पत्र में भी दलित व अति पिछड़े वर्ग के लिए काफी घोषणाएं की हैं. कबीर चौरा मठ का ठिकाना प्रियंका के संघर्षों और सामाजिक न्याय को मज़बूत करने के उनके प्रयासों को लेकर एक बड़ा संदेश देगा.
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राजनीतिक पंडितों का मानना है कि प्रियंका गांधी ने कबीर चौरा मठ के जरिए सांस्कृतिक जगत को भी एक बड़ा संदेश दिया है. कबीर चौरा मठ के आस-पास गलियों में भारतीय कला जगत की मशहूर हस्तियों एवं पद्म पुरस्कार विजेताओं के घर हैं. ये लोग भारत की कला जगत के स्तंभ हैं. लोग कयास लगा रहे हैं कि प्रियंका के इस मोहल्ले में प्रवास से भारतीय कला जगत के जरिए पूरे वाराणसी में एक अच्छा संदेश जाएगा.
Posted By: Achyut Kumar