Jharkhand news: सिक्किम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ सोमदेर बुधवार को चतरा के इटखोरी पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्होंने मां भद्रकाली मंदिर में पूजा-अर्चना कर बौद्ध स्तूप का दर्शन किये. इस दौरान सुख-समृद्धि की कामना की. इस मौके पर उन्होंने म्यूजियम में रखे पुरातात्विक अवशेषों को भी देखा तथा क्षेत्र के इतिहास को जाना.
इस मौके पर मंदिर परिसर की व्यवस्था को देखकर सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस काफी खुश हुए. पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने वन विभाग के अतिथिगृह में रूके. सिक्किम के चीफ जस्टिस के आगमन को लेकर क्षेत्र में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था थी.
इधर, मंदिर आगमन पर डीसी अंजली यादव एवं एसपी राकेश रंजन ने बुके देकर सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का अभिवादन किया. इस दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था था. एसडीओ सह मंदिर के अध्यक्ष मुमताज अंसारी, सिमरिया के एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी, बीडीओ साकेत सिन्हा और सीओ रामविनय शर्मा विधि व्यवस्था में तैनात थे.
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सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के इटखोरी पहुंचने पर डीसी अजंली यादव ने मां भद्रकाली के प्रतीक तस्वीर वाला मोमेंटम भेंट किया. इससे पूर्व मंदिर पहुंचने से पहले जिला परिषद के उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
चतरा जिला के इटखोरी में मां भद्रकाली मंदिर अवस्थित है. इसे भदुली धाम के नाम से भी जाना जाता है. यह महाने और बक्सा नदी के संगम पर स्थित है. यहां तीन धर्म हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं. ऐतिहासिक दृष्टिकोण से यह स्थान प्रागैतिहासिक काल, महाकाव्य काल तथा पुराण काल से संबंधित है. यहां 14 से अधिक प्रतिमाएं स्थापित है. इसे भी प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. यहां मां भद्रकाली के साथ-साथ अष्टभुजी मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित थी, लेकिन चोरी होने के बाद मां भद्रकाली की प्रतिमा ही वापस आ पायी.
रिपोर्ट : विजय शर्मा, इटखोरी, चतरा.