यूक्रेन में पढ़ने वाले 23 बिहारी छात्रों को रविवार को पटना लाया गया था और सब मिलाकर बीते दो दिनों में इनकी संख्या 51 हो गयी है. हालांकि अब भी वहां से 222 छात्रों को लाना शेष है. इधर यूक्रेन से बिहार अपने घर लौटने वाले छात्र-छात्राओं ने आंखों देखी बताया जो बेहद दर्दनाक है. छात्रों ने बताया कि किस तरह यूक्रेन के अभी हालात हैं.
दिल्ली होकर फ्लाइट से यूक्रेन से बिहार आये सभी छह छात्र इवानो फ्रैन्केविस्की शहर में नेशनल मेडिकल विवि में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. उनमें शामिल पटना के सुभाष कुमार ने बताया कि उनके शहर का एयरपोर्ट उड़ा दिया गया था और स्थिति खतरनाक हो चुकी थी. भारतीय दूतावास ने उनको रोमानिया के रास्ते यूक्रेन से बाहर निकालने और देश वापस लाने का निर्णय लिया.
सुभाष कुमार ने बताया कि जगह-जगह चेकिंग के कारण रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचने में उनको बहुत समय लगा. इस दौरान 12 घंटे तक लंबे जाम में भी फंसना पड़ा, जो कि यूक्रेनी लोगों द्वारा बड़ी संख्या में देश छोड़ने के प्रयास के कारण रोमानिया बॉर्डर पर जाम लग गया था. इस दौरान यूक्रेन के अधिकतर क्षेत्रों में कर्फ्यू जैसा माहौल दिखा और उन्हें खाने-पीने की चीजें भी नहीं मिल रही थीं. लेकिन रोमानिया में प्रवेश के बाद उनकी कठिनाइयां खत्म हो गयीं और भोजन-पानी समेत जरूरत की अन्य चीजें भी उन्हें उपलब्ध होने लगीं.
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स्पाइसजेट की फ्लाइट से पटना पहुंचे मयंक को लेने उसकी मां और दो बहनें पटना एयरपोर्ट पर पहुंची थीं जो उसको देख कर भावुक हो गयीं. उसकी मां ने बताया कि बेटे का फोन पर तो हर दिन हालचाल ले रहे थे, लेकिन अब उसके पटना पहुंचने के बाद ही दिल को पूरा सुकुन मिला है.
बता दें कि यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों का आना सुबह 10 बजे से शुरू हुआ, जब दिल्ली से उनको लेकर आ रही स्पाइसजेट की फ्लाइट पटना एयरपोर्ट पर लैंड हुई. इससे छह छात्र आये. दोपहर 1.46 बजे इंडिगो की फ्लाइट 6इ5336 से 13 छात्र पटना आये. दोपहर 2:40 बजे तीसरी फ्लाइट इंडिगो की 6इ2043 पटना एयरपोर्ट पर लैंड हुई.
रविवार को आई फ्लाइट में नौ छात्र आये और सोमवार को आने वाले कुल छात्रों की संख्या 28 रही. इनमें पटना के आठ, वैशाली के तीन, सहरसा और गोपालगंज के दो-दो और सीतामढ़ी, भागलपुर समेत अन्य 11 जिलों के एक-एक छात्र रहे.
Published By: Thakur Shaktilochan