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उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं नवस्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए क्रमश: 32916 माध्यमिक और 1000 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पदों का सृजन
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उत्क्रमित और नवस्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6421 प्रधानाध्यापक के पदों का सृजन
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उन्नयन बिहार कार्यक्रम के अंतर्गत 9360 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है.
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हर जिले में एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय को चिह्नित कर उसे मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना और मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत छात्र-छात्राओं को निर्धारित राशि उपलब्ध करायी जा रही है.
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27155 दिव्यांग छात्राओं को छात्रवृति की राशि उपलब्ध करायी जा रही है.
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शिक्षा पर 39191 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह राशि पिछले साल के बजट से अधिक है.
बिहार बजट(Bihar Budget 2022) में सबसे अधिक 16.5 फीसदी की हिस्सेदारी शिक्षा विभाग की है. विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्कीम मद में 22198.38 करोड़ रुपये तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 16993.49 करोड़ रुपये सहित कुल 39191.87 करोड़ रुपये खर्च होगा. बजट के मुताबिक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 30620 पदों पर छठे चरण में नियोजन की हो रही कार्रवाई हो रही है.
राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के लिए 40558 पदों एवं मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के लिए 8386 पदों का सृजन किया गया. समग्र शिक्षा के अंतर्गत 21,286 नये प्राथमिक विद्यालय की स्थापना से 98.63 फीसदी टोले जबकि 19633 प्राथमिक विद्यालय का मध्य विद्यालय में उत्क्रमण से 99.19 फीसदी टोलों का आच्छादन पूरा हो गया है.
15941 प्रारंभिक विद्यालयों के भवन के विरुद्ध 15653 विद्यालय भवन जबकि प्रारंभिक विद्यालयों के 285773 वर्ग कक्षों के विरुद्ध 279801 वर्ग कक्षा का निर्माण पूरा हो गया है. बजट के मुताबिक प्रवेशोत्सव-विशेष नामांकन अभियान के तहत राज्य में 36.77 लाख बच्चों का विभिन्न स्कूलों में नामांकन कराया गया है.
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वित्तीय वर्ष 2021-22 में नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने को 12965878 बच्चों के लिए 402.71 करोड़ रुपये जबकि पोशाक उपलब्ध कराने को 14969278 बच्चों के लिए 898.15 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गयी. कमजोर वर्ग की बालिकाओं के लिए राज्य में 535 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित की जा रही है, जिनमें 50963 बालिकाएं नामांकित होकर पढ़ रही हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan