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महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग, पटना के महावीर मन्दिर में सुबह 5 बजे से 51 भक्त करेंगे रुद्राभिषेक

महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महाशिवरात्रि और मंगलवार का संयोग होने से मन्दिर में भक्तों की भीड़ रहेगी. सभी भक्तों से पंक्तिबद्ध होकर दर्शन-पूजन करने का अनुरोध किया गया है. साथ ही बेवजह मन्दिर परिसर में नहीं रुकने की अपील भक्तों से की गई है.

पटना के प्रसिद्ध महावीर मन्दिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर 51 भक्त रुद्राभिषेक करेंगे. मन्दिर में स्थित तीनों शिवलिंग पर रुद्राभिषेक होगा. मन्दिर के प्रथम तल पर शीशे के विशेष मंडप में स्थित शिवलिंग पर सुबह पांच बजे से रात्रि 11 बजे तक एक-एक घंटा के कुल 19 स्लॉट में भक्तों ने रुद्राभिषेक की बुकिंग करायी है. जबकि मन्दिर के दक्षिणी भाग में भूतल स्थित प्राचीन शिवलिंग पर भी इतने ही भक्तों ने बुकिंग करायी है. हनुमानजी के मुख्य गर्भगृह के निकट स्थित शिवलिंग पर सुबह 11 बजे से रात्रि 11 बजे तक 13 भक्तों ने रुद्राभिषेक की बुकिंग करायी है.

यहां सुबह 5 बजे से 11 बजे पूर्वाह्न की आरती के पूर्व तक आम भक्त पंक्तिबद्ध होकर जलाभिषेक करेंगे. इस प्रकार महावीर मन्दिर में सुबह पांच बजे से रात्रि 12 बजे तक रुद्राभिषेक होगा. महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर महावीर मन्दिर सज-धजकर तैयार हो गया है. मन्दिर में स्थित तीनों शिवलिंग स्थलों को फूल-मालाओं से आकर्षक रूप से सजाया गया है. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महाशिवरात्रि और मंगलवार का संयोग होने से मन्दिर में भक्तों की भीड़ रहेगी. सभी भक्तों से पंक्तिबद्ध होकर दर्शन-पूजन करने का अनुरोध किया गया है. साथ ही बेवजह मन्दिर परिसर में नहीं रुकने की अपील भक्तों से की गई है.

भगवान शंकर का ज्योति पूंज है, शिवलिंग

आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि शिवलिंग के रूप में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने का विधान अत्यंत प्राचीन काल से ही है. सृष्टि के प्रारंभ में एक ज्योति पूंज प्रकट हुआ था, जिसका कोई आदि-अंत नहीं था. भगवान विष्णु ने आकाश में और भगवान ब्रह्मा ने पाताल तक पता लगाया. भगवान विष्णु ने देवताओं को बताया कि वह ज्योतिपुंज भगवान शंकर हैं. सभी देवताओं ने जब उस ज्योतिपुंज स्वरूप भगवान शंकर की आराधना की तो भक्तों की सुलभता के लिए ज्योतिपुंज छोटे स्वरूप में प्रकट हुए. वही शिवलिंग के रूप में जाने जाते हैं और पूरा संसार शिवलिंग के रूप में भगवान शंकर की आराधना-पूजन करता है.

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