Supertech Twin Towers नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने सुपरटेक एमरेल्ड ट्विन टावर (Supertech Emerald Twin Tower Case) को गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को कहा है कि ट्विन टावर को गिराने का काम शुरू हो गया है और 22 मई तक दोनों टावरों को पूरा तरह से गिरा दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक से नोएडा प्राधिकरण के हलफनामें में बताई गई समय सीमा का पालन करने को कहा है. कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी से 17 मई को अपडेटेड स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 मई को होगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच को यह भी सूचित किया गया कि मैसर्स एडिफिस द्वारा 22 अगस्त तक पूरे मलबे को साइट से हटा दिया जाएगा. नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ वकील रवींद्र कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 7 फरवरी के कोर्ट के आदेश के अनुसार, 9 फरवरी को सभी हितधारकों की एक बैठक आयोजित की गई थी. जहां यह निर्णय लिया गया था कि 20 फरवरी तक मैसर्स एडिफिस मजदूर, सामग्री और मशीनें साइट पर जुटाएगी. साथ ही नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित योजना के अनुसार सभी गतिविधियों को शुरू और पूरा करेगा.
कोर्ट में कहा गया कि 22 मई को या उससे पहले ट्विन टावरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. केवल अप्रत्याशित घटनाओं की स्थिति में तिथियों को बदला जा सकता है. हालांकि, यह अदालत की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के बाद किया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट को आगे सूचित किया गया. कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जा रहा है और काम से संबंधित तस्वीरें स्टेटस रिपोर्ट के साथ संलग्न की गई हैं.
बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट को इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि संबंधित साइट पर तोड़फोड़ शुरू हो गई है. नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के साथ-साथ अन्य अधिकारियों सहित सभी संबंधित हितधारक काम समय पर पूरा होने के लिए स्टेटस रिपोर्ट में इंगित समय सारिणी का सख्ती से पालन करेंगे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण से अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट की मांग करते हुए मामले को 17 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. बता दें कि कोर्ट ने 7 फरवरी को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को दो हफ्ते के भीतर नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का काम शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था.
देश के शीर्ष अदालत ने बीते वर्ष 4 अक्टूबर को सुपरटेक लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी थी. सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण कोर्ट ने इमारतों को ध्वस्त करने के अपने पूर्व के निर्देश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 के अपने फैसले में अवैध इमारतों को तोड़ने के साथ ही फ्लैट खरीदारों को उनकी पूरी रकम लौटाने करने का भी निर्देश दिया था.
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