बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए उत्पाद विभाग लगातार नयी तैयारी कर रहा है. शराब का सेवन करने वालों से अधिक अब शराब का कारोबार पसारे हुए माफिया उत्पाद विभाग के निशाने पर हैं. वहीं अदालतो में शराब मामले के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए भी अब उत्पाद विभाग ने नयी तैयारी की है.
अगर कोई व्यक्ति शराब का सेवन करने के बाद पकड़ा जाता है तो वो जेल जाने से तब बच सकता है जब वह शराब माफिया के बारे में पुलिस को जानकारी दे दे. यानी जहां से शराब खरीदा गया उसकी जानकारी देनी होगी. इसके बाद अगर उसके दिये सूचना पर धंधेबाज पकड़ा जाता है जब जाकर वह व्यक्ति जेल जाने से बच सकता है. कानून उसकी मदद करेगी.
मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के डिप्टी कमिश्नर कृष्णा पासवान ने यह जानकारी दी है. आज बैठक में हुए फैसले के तहत बिहार पुलिस और मद्य निषेध व उत्पाद विभाग को विशेष अधिकार दिया गया. बिहार की जेलों में शराब का सेवन करने के बाद पकड़ाने वाले कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. जेलों पर बढ़े लोड को देखते हुए ऐसा फैसला लिया गया है.
बता दें कि पिछले साल केवल दस महीने के अंदर बिहार में करीब 50 हजार लोगों को शराब मामले में जेल भेजा गया था. इसकी संख्या में अब और बढ़ोतरी हो गयी है. वहीं हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने भी शराबबंदी कानून को लेकर सरकार के ऊपर सवाल खड़े कर दिये. जेलों में शराब कांड से जुड़े मामलों में बढ़ रहे कैदियों की संख्या और अदालतों में शराब से जुड़े मामले में जमानत याचिकाओं की बढ़ी संख्या पर अदालत ने चिंता जाहिर की थी.
गौरतलब है कि बिहार में शराब मामले को लेकर उत्पाद विभाग की टीम अब और अधिक सक्रिय हो गयी है. पुलिस को ड्रोन कैमरे और मिनी हेलिकॉप्टर मुहैया कराये गये हैं. वहीं पुलिस की सक्रियता बढ़ी तो शराब माफियाओं ने नये-नये तरीके ढूंढ निकाले हैं जिसके सहारे तस्करी जोरों पर की जा रही है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan