Mahashivratri 2022: इस साल महाशिवरात्रि पर पंचक (Panchak) लग रहा है. बिना पंचांग देखे आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं, लेकिन पंचक लगने की वजह से कुछ काम करना वर्जित होता है. वे काम करने से हानि होने की आशंका रहती है, इसलिए उनको वर्जित किया गया है. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन पंचक कब लग रहा है, इसका क्या अर्थ है और इसमें कौन से काम नहीं करने हैं.
महाशिवरात्रि 01 मार्च को है. इस दिन पंचक का प्रारंभ शाम 04 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन 06 मार्च दिन रविवार को तड़के 02 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है.
1. जब पंचक लगा हो तो उस समय में दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ होता है. दक्षिण दिशा को मृत्यु के देवता यमराज की दिशा मानते हैं.
2. पंचक में नए मकान की छत नहीं डालनी चाहिए. ऐसा करने से धन हानि और परिवार में अशांति होती है.
3. पंचक के समय में पलंग नहीं बनवाना चाहिए.
4. पंचक की अवधि में घास, लकड़ी, सूखे पत्ते आदि को एकत्रित नहीं करना चाहिए. इससे अग्नि का भय रहता है.
5. पंचक में दाह संस्कार करना मना होता है, लेकिन चंदन की 5 लकड़ियों के साथ विधिपूर्वक दाह संस्कार करने से पंचक दोष दूर हो सकता है.
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों के योग से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं. पंचक को अशुभ माना जाता है. जब चंद्रमा कुंभ या मीन राशि में होता है, तब पंचक लगता है. घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती इन पांच नक्षत्रों को भी पंचक कहते हैं.
पंचक काल में मृत्यु होना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि अगर किसी की मृत्यु पंचक काल में हुई है तो उसके परिवार, कुल या रिश्तेदारी में जन हानि हो सकती है. इससे बचने के लिए मृतक के शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश के बनाकर रखने चाहिए. ऐसा करने से पंचक दोष समाप्त हो जाता है.