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Exclusive: रणबीर कपूर के साथ काम करने की है ख्वाहिश- राशि खन्ना

साउथ की फिल्मों का लोकप्रिय चेहरा अभिनेत्री राशि खन्ना ओटीटी प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो रही वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस से ओटीटी डेब्यू कर रही हूं.

साउथ की फिल्मों का लोकप्रिय चेहरा अभिनेत्री राशि खन्ना ओटीटी प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो रही वेब सीरीज रुद्र द एज ऑफ डार्कनेस से ओटीटी डेब्यू कर रही हूं. अपनी इस वेब सीरीज को वो बिग बजट एक्सटेंडेड फ़िल्म करार देते हुए कहती हैं कि वेब सीरीज में समय ज़्यादा मिलता है तो किरदार में बहुत सारे लेयर्स होते हैं. जिससे एक्टर्स को परफॉर्म करने का बेहतरीन मौका होता है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

सीरीज के ट्रेलर लॉन्च के साथ ही आपने अपनी उपस्थिति सशक्त तरीके से दर्शायी हैं ,आपका किरदार आलिया लोगों को काफी रोचक लग रहा है?

जब पहली बार मैंने भी इस किरदार के बारे में सुना था तो मैं भी बहुत उत्साहित हो गयी थी कि मुझे यह किरदार करने को मिल रहा है क्योंकि हर एक्टर की ख्वाहिश होती है कि उसे ऐसा किरदार मिले जिसमें वह एक्टिंग कर सके. जब किरदार इतना बढ़िया तरीके से लिखा गया है तो एक एक्टर के तौर पर जिम्मेदारी बढ़ जाती है क्योंकि आप उसको बहुत बेहतरीन तरीके से परफॉर्म करना होता है. मैं बताना चाहूंगी कि मुझे यह सीरीज ऑडिशन के जरिए मिली है.

क्या खास इस किरदार में है?

मुझसे बहुत ही अलग यह किरदार है. सोशियोपैथ है. उसे किसी की फीलिंग्स का ख्याल नहीं है. उसे खुद से प्यार है. उस किरदार को अपने जेहन में क्रिएट किया फिर इसको अपना टच दिया. मैं खुश हूं जिस तरह से लोगों का रिस्पांस आ रहा है उम्मीद करती हूं सीरीज देखने के बाद लोगों मेरा काम और ज्यादा पसंद आए.

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इस किरदार के लिए आपका होमवर्क क्या था?

मैंने तो जितनी भी फिल्में देखी है उसमें जो किरदार होते हैं वह साइकोपैथ होते थे लेकिन इसमें मेरा किरदार सोशियोपैथ का है. साइकोपैथ में इमोशन नहीं होते लेकिन सोशियोपैथ में थोड़ा इमोशन होता है. इस लड़की में थोड़े इमोशंस हैं. आप इसे पॉजिटिव भी नहीं कह सकते नेगेटिव भी नहीं. किरदार में बहुत सारे लेयर्स हैं. मैंने कोई भी सोशियोपैथ वाली सीरीज या फिल्म नहीं देखी थी. रूद्र ब्रिटिश सीरीज लूथर पर आधारित है लेकिन मैं वह सीरीज देखना नहीं चाहती थी क्योंकि मैं इस किरदार को अपना टच देना चाहती थी तो मैंने अपनी सोच से इस किरदार को परफॉर्म किया. मैंने अपनी बॉडी लैंग्वेज काम किया. यह किरदार आंखों से बहुत बातें कहना जानता है तो उसपर भी वर्क किया. कुछ किताबें भी पढ़ी. ये मेरे करियर का सबसे मुश्किल किरदार था इसलिए मैंने बहुत मेहनत की है.

जब इस तरह का काम्प्लेक्स किरदार करती हैं तो क्या वह आपको निजी तौर पर प्रभावित करता है?

ऐसे किरदार आप करते तो कहीं ना कहीं वह आपमें थोड़ा असर तो डालता ही है. आलिया के किरदार ने भी मुझ पर असर छोड़ा है खासकर शूटिंग के वक्त मैं थोड़ा उसमें मोड में चली जाती थी. मेरा अपने को लेकर प्यार बहुत बढ़ गया था क्योंकि आलिया खुद से बहुत ज्यादा प्यार करती है लेकिन पैकअप जब होता था तो मैं राशि बन जाती थी.

इस फिल्म में आपके साथ अजय देवगन हैं, उनके साथ शूटिंग का अनुभव की तरह कैसा रहा?

शूटिंग का पहला दिन मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था. मेरा पहला सीन ही काफी टफ था क्योंकि वो मेरा इंट्रोडक्शन सीन था वो भी अजय सर के साथ. सीरीज देखेंगी तो आप समझ जाएंगी मैं क्यों मुश्किल कह रही हूं. अजय सर से पहले कभी बातचीत हुई नहीं थी. वह सुपरस्टार हम सभी को पता है. पहले दिन वो बात भी करेंगे या नहीं।ये सब चल रहा था जैसे ही सेट पर पहुंची उन्होंने कहा कि चलो रिहर्स करते हैं. उन्हें पता था मेरा पहला दिन है और यह सीन बहुत टफ है उन्होंने मुझे बहुत ही कंफर्टेबल कराया जिससे मुझे कभी लगा ही नहीं कि मैं किसी सुपरस्टार के साथ काम कर रही हूं. मुझे हमेशा लगा कि मैं एक्टर के साथ काम कर रही हूं.

अजय देवगन की किन फिल्मों की आप मुरीद रही हैं?

अजय सर बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह जाते हैं. यह एक एक्टर के तौर पर उनकी सबसे बड़ी ताकत है. मुझे अजय सर की फिल्म लीजेंड ऑफ द भगत सिंह बहुत पसंद आई थी. शूटिंग के पहले दिन ही मैंने उन्हें यह बात बताई थी कि वह फिल्म देखने के बाद में बहुत ही इमोशनल हो गई थी. दूसरी फिल्म उनकी मुझे जो बहुत पसंद है वह गोलमाल सीरीज है जिसे देखने के बाद मेरी क्या किसी की हंसी रूकती नहीं है.

आप की पहली फिल्म मद्रास कैफे थी उसके बाद रुद्रा दूसरी हिंदी प्रोजेक्ट होगी साउथ का चेहरा बन जाने के बाद क्या हिंदी फिल्मों की राह आसान हो गयी है?

देखिए राह तो कोई आसान नहीं होती है. आप का संघर्ष होता ही है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि हिंदी फिल्म से शुरुआत करने के बाद साउथ फ़िल्म में काम करूंगी. हम एक्टर्स प्लान कर ही नहीं सकते क्योंकि कौन सी फ़िल्म हमें कहां ले जाए कौन से देश में ले जाए. यह भी हमें पता नहीं होता है. हम एक्टर के तौर पर यही कर सकते हैं कि जो हमें मिल रहा है उसमें बेस्ट चुनें. मुझे साउथ से उस वक्त ज्यादा अच्छे ऑफर्स मिले इसलिए मैंने साउथ फिल्में की. हिंदी में भी आने का मैंने कोई प्लान नहीं बनाया था 2 साल पहले इस सीरीज के लिए ऑडिशन देने का आफर आया तो मैंने सोचा करना चाहिए. मैं एक्टर हूं जहां अच्छा काम मिलेगा मैं वहां जाऊंगी. यही मेरी आगे की भी प्लानिंग है.

आपने साउथ और हिंदी दोनों इंडस्ट्री में काम किया है हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की क्या खास बात पाती हैं?

हिंदी मेरे लिए घर की तरह है. मेरी भाषा है तो मेरे लिए शूटिंग बहुत आसान था. अपनी भाषा में एक्टिंग करते हैं तो आपको डर नहीं लगता है कि आप लाइन्स भूल जाओगे. साउथ की फिल्मों में भाषा और स्लैंग पर काम करना पड़ता है. एक्टर के तौर पर काम बढ़ जाता जब आप दूसरी इंडस्ट्री में जाते हो. हिंदी की खासियत ये भी है कि उसकी पहुंच ज़्यादा होती है हालांकि ओटीटी आने के बाद रीजनल फिल्मों का दबदबा भी बढ़ा है. पुष्पा ने तो नयी कामयाबी लिखी है मतलब अब साफ है आपकी फ़िल्म अच्छी है तो वह चलेगी फिर चाहे हिंदी में हो तमिल में या किसी और भाषा में.

बॉलीवुड में निर्देशक और एक्टर्स की कोई विश लिस्ट है?

मैं राजकुमार हीरानी और राजकुमार हीरानी के साथ काम करना चाहती हूं. एक्टर्स में रणबीर कपूर मेरी विशलिस्ट में है.

आनेवाले प्रोजेक्ट्स?

राज एंड डीके की एक सीरीज है जिसमें शाहिद कपूर हैं. इस साल ये सीरीज रिलीज होनी चाहिए. योद्धा की शूटिंग चल रही है. मैं मुम्बई में उसी की शूटिंग के लिए हूं. साउथ में नागा चैतन्य के साथ थैंक यू और धनुष के साथ एक फ़िल्म कर रही हूं.

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