सुलतानगंज स्थित कटहरा के मनोज कुमार सिंह के इकलौते पुत्र शुभम सम्राट मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गया था. वहां युद्ध शुरू हो जाने के बाद वह अपने घर आने के लिए बेचैन है. मां सरिता कुमारी ने बताया कि शुभम से रविवार दोपहर में कुछ देर के लिए बात हुई. वह कह रहा था मैं पैदल चल रहा हूं. चलते-चलते काफी थक गया हूं. माहौल भयावह है. यूक्रेन की सेना छात्रों को प्रताड़ित करती है.
शुभम की मां ने कहा कि उनके बेटे ने बताया कि काफी दूरी पैदल चलकर पोलैंड के करीब पहुंचा हूं. लेकिन यहां इंट्री पर रोक लगा दी गयी है. कुछ छात्रों के साथ मारपीट भी की गयी है. हालांकि फिर से इंट्री दी जा रही है. मोबाइल भी रिचार्ज नहीं हो पा रहा है. इंडियन एंबेसी से बात हुई है. भरोसा दिलाया है.
शुभम की मां ने बताया कि पूरा परिवार आज भी चिंता में है. घर में कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है. कई लोग घर पर मिलने भी आ रहे हैं. शुभम के हाल-चाल की जानकारी ले रहे हैं. शुभम के सकुशल घर वापसी को लेकर मां ईश्वर से प्रार्थना कर रही है. मां ने सरकार से सकुशल भारत लाने की गुहार लगा रही है.
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जाएंगे हंगरी सीमा तक
बता दें कि ऐसी ही एक घटना भागलपुर जिला के नवगछिया के तेलघी निवासी करण चौधरी से जुड़ी है जो यूक्रेन में फंसे हैं. लबीब नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से शुक्रवार को करण 20 किलोमीटर पैदल चल कर रात में पोलैंड बॉर्डर पहुंचे थे. लेकिन शनिवार को उन्हें वहां से लौटा दिया गया. जिसके बाद फिर उतनी ही दूरी तय करके वो वापस अपने हॉस्टल लौट गये. अब कंसल्टेंट के जरिये सोमवार को हंगरी बॉर्डर जाने की तैयारी वो कर रहे हैं.
गौरतलब है कि भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राओं व अन्य भारतवासियों को वापस लाने की तैयारी की है. शनिवार से एयर इंडिया के विमान के जरिये यूक्रेन के पड़ोसी देशों से उन्हें वापस भारत लाया जा रहा है. मुंबई व दिल्ली पहुंचे बिहार के लोगों को अपने घर लाने की तैयारी बिहार सरकार ने की है. रविवार को कुल 23 छात्र-छात्राएं पटना एयरपोर्ट पहुंचे हैं. आज भी यूक्रेन में फंसे लोगों को लेकर विमान भारत आने वाला है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan