पटना. कोरोना ने 2020 और 2021 में ऐसा वैश्विक संकट पैदा किया है, जो सदी में एकाध बार ही आती है. इसने वैश्विक यात्रा और पर्यटन पर गंभीर असर डाला है. हालांकि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन से भी तेजी से घरेलू पर्यटन के उबरने की पूरी उम्मीद है.
राज्य सरकार का फोकस पर्यटन के क्षेत्र में बिहार को ब्रांड बनाने पर है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पर्यटन परिपथों को चिन्हित और विकसित किया गया है. इसमें बौद्ध परिपथ, रामायण परिपथ , सूफी परिपथ , जैन परिपथ , गुरु परिपथ, शिव-कांवरिया परिपथ व गांधी परिपथ महत्वपूर्ण है.
वहीं, कोरोना के कारण 2020 में देशी 56.4 लाख एवं विदेशी 3.0 लाख पर्यटक बिहार पहुंचे है. जो पिछले कुछ वर्षों से कम है, लेकिन कोरोना जैसी आपदा के बाद भी पर्यटकों की संख्या बिहार में अच्छी रही है.
साल देशी विदेशी
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2012 214.5 10.9
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2013 215.9 7.7
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2014 225.4 8.3
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2015 280.3 9.2
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2016 285.2 10.1
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2017 324.1 10.8
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2018 336.2 10.9
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2019 339.9 10.9
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2020 56.4 3.0
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– बोध गया में 95.61 लाख रुपये से 2021-22 में पर्यटन सूचना केंद्र का आधुनिकीकरण.
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– बोधगया में 13,615.00 लाख रुपया से राजकीय अतिथिगृह का निर्माण
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– रज्जु मार्ग और राजगीर के आसपास के क्षेत्रों में 1638.73 लाख रुपये से विकसित किया जायेगा.
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– 786.00 लाख से गया में कोटेश्वर धाम मंदिर का उन्नयन
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– 912.10 लाख रुपये से पूर्णिया में सात स्थानों पर पर्यटन सुख सुविधाओं और दृश्यावली का विकास.
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– प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज की स्वदेश योजना के तहत जैन परिपथ का विकास, कांवरिया परिपथ का विकास, मंदार पर्वत और अंग प्रदेश का
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-विकास एवं गांधी परिपथ का विकास किया जा रहा है.