पटना. बिहार विधानसभा अध्यक्ष से दुर्व्यवहार को लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ लाया गया विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर सुनवाई टल गयी है. अफसरशाही पर फजीहत के बाद अब सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गयी है.
बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार और उससे जुड़े विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को लेकर विधानसभा में सोमवार को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सुनवाई होनी थी.
विस अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ लखीसराय के डीएसपी समेत दो थानेदारों ने जिस तरह दुर्व्यवहार किया, उसको लेकर भाजपा विधायक संजय सरावगी और ललन कुमार ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया था. उसके बाद सभी संबंधित पक्ष को नोटिस दिया गया था.
नोटिस में कहा गया था कि सभी संबंधित पक्ष मंगलवार दोपहर बाद 3:00 बजे विधानसभा सचिवालय आकर अपनी बात रखें. इस सुनवाई में बिहार मुख्य सचिव और डीजीपी के मौजूद रहने की भी बात कही गयी थी, लेकिन यह सुनवाई टल गई है. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी एसके सिंघल सुनवाई टलने के कारण विधानसभा नहीं पहुंचे.
विधानसभा के अधिकारिक सूत्रों की माने तो सोमवार मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम होने के कारण अधिकारियों की व्यस्तता है और इसी वजह से बैठक को टाला गया है. हालांकि इस मामले में आगे सुनवाई होगी.
उधर, स्पीकर विजय कुमार सिन्हा जिस तरह अफसरशाही को लेकर नाराज हैं और उनके पार्टी के ही दो विधायकों ने जिस तरह से विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया है, उसे देखते हुए कहीं ना कहीं सरकार के स्तर पर डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू की गई है. विजय कुमार सिन्हा की नाराजगी को दूर करने लिए जदयू नेताओं को वक्त चाहिए और सोमवार को अधिकारियों की व्यस्तता के कारण उन्हें इसके लिए समय भी मिल गया है.