पटना. राज्य में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अब व्यापक स्तर पर पहल शुरू की गयी है. अब इन अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जायेगी. सभी साइबर अपराधियों खासकर बड़े अपराधियों की सूची तैयार करके इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आयकर विभाग को संपत्ति जब्ती से संबंधित आगे की कार्रवाई करने के लिए सौंप दी जायेगी. इस मामले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने सभी जिलों को आदेश दिया कि वे साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाये.
इस अपराध में पकड़े जाने वाले सभी आरोपितों की संपत्ति की समुचित जांच शुरुआती स्तर पर करने के बाद इनकी सूची इओयू को भेजे. जिलों से जैसे-जैसे साइबर अपराधियों की सूची आती जायेगी, उसे इडी या आयकर विभाग को कार्रवाई करने के लिए भेजा जायेगा. अब तक पटना जिले से एक साइबर अपराधी का प्रस्ताव इओयू के पास आया है. इसे जल्द ही इडी के पास भेज दिया जायेगा. मालूम हो कि पुलिस को साइबर क्राइम के छह हॉट स्पॉट जिलों में कार्रवाई का टॉस्क सौंपा गया है.
अब तक राज्य में साइबर क्राइम के अलग-अलग मामलों में करीब एक हजार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसमें सबसे ज्यादा मामले एटीएम या बैंक खातों से फ्रॉड करके पैसे निकालने से जुड़े हैं. इस अपराध में गिरफ्तार आरोपितों की संपत्ति खंगाली जायेगी और ठगी करके जितनी संपत्ति जमा कर रखी होगी, उसे जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. खासतौर से बड़े साइबर अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने के लिए पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत इडी के स्तर पर कार्रवाई होगी. साथ ही बेनामी संपत्ति एक्ट व टैक्स चोरी के मामले में बड़े स्तर पर कार्रवाई होगी.
पटना. साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले में दायर याचिकाओं पर पटना हाइकोर्ट सोमवार को फिर सुनवाई करेगा. पूर्व में हाइकोर्ट ने साइबर फ्रॉड और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आर्थिक अपराध इकाई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सरकार को कई निर्देश दिये थे. नवादा जिले के काशीचक थाना और नालंदा जिले के लहेरी के एक मामले में हाइकोर्ट सुनवाई कर रहा है.