Varanasi News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक दल अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जनता से करीबी होने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इस वक़्त जनता के दु:खों को हरने के लिए चुनावी रणनीति में ताल ठोक रहे नेतागण संकटमोचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं. चुनाव जीतने के 5 साल बाद अचानक से जनता के तकलीफों की सुध लेने वाले नेताजी अपने विधानसभा क्षेत्र की शादियों में भी बिना निमंत्रण के हाजिर हो जा रहे हैं.
इतना ही नहीं, जनता के तकलीफों और परेशानियों का हिसाब रखने के लिए अपने समर्थकों को डायरी तक लेकर चलने का आदेश दे रहे हैं ताकि तुरन्त जनता की परेशानियों को दूर किया जा सके. पांच साल में जनता जनार्दन के बीच चेहरा न दिखाने वाले नेताओं को जनता भी अपने बीच पाकर आश्चर्यचकित हो जा रही हैं.
Also Read: UP Chunav 2022: वाराणसी में नामांकन प्रक्रिया पूरी, 21 फरवरी के बाद आवंटित होगा चुनाव निशानवाराणसी जनपद के 8 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट जारी हो चुकी है. जिसके बाद नेताजी अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच 24 घंटे हाजिर नजर आ रहे हैं, क्या मजाल की कोई तकलीफ परेशानी जनता की नेताजी से बचकर निकल जाए. यहां तक कि विवाह समारोह में भी अपने समर्थकों के साथ वर-वधू को आशीर्वाद देने पहुंच जा रहे हैं. ऐसे में जनता भी अपने बीच नेताओं को पाकर खुशी से फूले नहीं समा रही.
Also Read: वाराणसी में 7 मार्च को मतदान, कई प्रत्याशियों के क्षेत्र बदले, कुछ दूसरे जिलों से आकर ठोंक रहे तालखुशी वाली बात ही है आखिर पांच साल में बार- बार बुलाने पर भी जनता की पुकार न सुनने वाले नेतागण बिना बुलाये डायरी-पेन के साथ हाजिर हो जा रहे हैं, ये किसी चमत्कार से कम थोड़े ही है. अपनी डायरी में पूरी जनता की सूची नोट कर चलने वाले नेता जनसम्पर्क अभियान के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. ऐसे में वैवाहिक सीजन को भी अपने जनसम्पर्क अभियान का एक हिस्सा मानकर ये नेतागण शादियों में शामिल होने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
इन वैवाहिक कार्यक्रमों में शरीक नेतागण अपने समर्थकों के साथ वहां मौजूद हर एक व्यक्ति से हालचाल ले रहे हैं और उनकी परेशानियों को अपनी डायरी में नोटकर उसे जल्द ही दूर करने का आश्वासन देकर आ रहे. मतलब ये तो वही बात हुई कि मान न मान मैं तेरा मेहमान. खैर 7 मार्च के चुनाव के बाद ही अब ये देखना रोचक होगा कि बार- बार नजर आने वाले ये नेतागण जीतने के बाद आखिर कितनी बार अपने विधानसभा क्षेत्र में नजर आते हैं.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी