UP Election 2022: उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और पीलीभीत सदर विधानसभा से पांच बार के विधायक मरहूम (स्वर्गीय) रियाज अहमद का इंतकाल (मृत्यु) 28 अप्रैल 2021 को बरेली के एक निजी मेडिकल कॉलेज में हुई थी. इसके बाद तीन मई को उनकी बेटी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रुकैया आरिफ का निधन हो गया था. मगर, उस दौरान सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर ट्वीट कर दु:ख व्यक्त किया, लेकिन इसके बाद सपा प्रमुख ने उनके परिवार की कोई खैर खबर नहीं ली.
मरहूम रियाज अहमद के बेटे डॉ. शाने अली ने पिता की सीट से टिकट की मांग की. मगर, उन्हें सपा ने टिकट नहीं दिया. दस महीने में उनकी पत्नी या परिवार से भी मिलने नहीं आएं. सपा प्रमुख का कई बार बरेली में आना हुआ. बरेली एयरपोर्ट पर कई बार चेंज ओवर भी हुए, लेकिन वह पीलीभीत नहीं गए, जबकि बरेली से पीलीभीत की यात्रा वीआईपी के लिए मात्र 35 से 40 मिनट है.
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव शनिवार को 10 महीने बाद पीलीभीत पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री मरहूम अहमद हसन, रियाज अहमद और करीब 10 दिन पहले बीमारी से मरने वाले पूर्व विधायक पीतमराम का नाम लेकर श्रद्धांजलि दी. मगर, मरहूम रियाज अहमद के परिवार और उनके बेटे का कोई जिक्र नहीं किया.
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सपा ने इस सीट से सियासत के नए खिलाड़ी डॉ. शैलेन्द्र गंगवार को टिकट दिया है, तो पूर्व मंत्री रियाज अहमद के पुत्र डॉ. शाने अली बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसको लेकर पीलीभीत में काफी चर्चाएं रहीं. भाजपा ने पीलीभीत विधायक संजय गंगवार को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने हरप्रीत सिंह छब्बा को प्रत्याशी बनाया है. यहां त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है.
पीलीभीत सदर विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. यहां पर 3,75,568 मतदाता हैं. इसमें करीब 1.40 लाख मुस्लिम, 65000 कुर्मी, 65000 दलित, 12000 सिख, 18000 कश्यप, 19000 मौर्य, कायस्थ 10000 और 13000 ब्राह्मण मतदाता हैं. इस सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में माने जाते हैं.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली