पटना. चारा घोटाला के अभियक्त पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के अलावा उनकी पत्नी एवं पूर्व सीएम राबड़ी देवी और उनके छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव पर ईडी में मामला चल रहा है. यह मामला उनके रेल मंत्री कार्यकाल के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करके गलत तरीके से धन कमाने का है. उनके खिलाफ रेल मंत्री रहते हुए आइआरसीटीसी के दिल्ली, भुवनेश्वर में मौजूद होटल का गलत तरीके से आवंटन का आरोप है.
इडी ने उन पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर उनकी पटना समेत अन्य स्थानों पर मौजूद अवैध संपत्ति जब्त की है. इसमें पटना के सगुना इलाके में बन रहे बिहार के सबसे बड़े मॉल और इसकी जमीन शामिल है. इसके अलावा रूपसपुर और धनौत में मौजूद जमीन के करीब एक दर्जन प्लॉट भी शामिल है. बाद में इससे जुड़े मामले की जांच में उनकी बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेस कुमार और बड़े बेटे तेज़ प्रताप यादव पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच फिलहाल चल रही है.
सीबीआई के तत्कालीन न्यायाधीश ने दुमका ट्रेजरी से 3.76 करोड़ की फर्जी निकासी के मामले में 19 मार्च 2018 को फैसला सुनाया था. इसमे लालू प्रसाद सहित 19 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया था. अदालत ने लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा दी थी और 60 लाख रुपये का दंड लगाया था. साथ ही दोनों सजाओं को अलग-अलग चलने का आदेश दिया था. इससे लालू प्रसाद की सजा कुल 14 साल हो गयी थी. इस मामले में दोषी करार दिये गये अन्य महत्वपूर्ण अभियुक्तों में तत्कालीन विकास आयुक्त फूल चंद सिंह का नाम भी शामिल है.
आरसी 38ए-96 मे कुल 48 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. 12 को बरी कर दिया गया था. बरी होनेवाले बड़े अभियुक्तों में रांची के तत्कालीन आयकर आयुक्त एसी चौधरी, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा और आरके राणा के नाम शामिल है. सुनवाई के दौरान ही 13 अभियुक्तों की मौत हो गयी थी. इसमे पूर्व मंत्री भोला राम तूफानी और चंद्र देव प्रसाद वर्मा के नाम शामिल है.