एनआईए में सर्विस मेडल से सम्मानित आईपीएस अधिकारी अरविंद नेगी को गिरफ्तार किया गया है. उनपर लश्कर-ए-तय्यबा को गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है. नेगी हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी है. उनपर आरोप है कि उन्होंने लश्कर ए तयैबा के आतंकी को खुफिया दस्तावेज दी है. जिसके बाद नेगी को यूएपीए (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
खुफिया जानकारी लीक करने मामले को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने नेगी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. नेगी के ठिकानों से अनेक गोपनीय दस्तावेज मिले. जिसके बाद नेगी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया. वहीं, एनआईए की जांच में भी इसका पता चला है कि, नेगी के जरिए सूचनाएं लीक हुई हैं.
इस मामले को लेकर एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि, एनआईए ने लश्कर को सपोर्ट करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया था. ये लश्कर-ए-तय्यबा को मदद करते थे और उन्हें सूचनाएं देने का काम करते थे. इस कड़ी में अरविंद नेगी का भी नाम सामने आया. इस सिलसिले में एनआईए ने नेगी के ठिकानों पर छापेमारी की तो कई दस्तावेज मिले.
गौरतलब है कि, साल 2011 बैच के आईपीएस (IPS) अधिकारी अरविंद नेगी को गैलेंट्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. इससे पहले अरविंद नेगी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) में ही बतौर एसपी तैनात थे. जहां से इस मामले की जांच आरंभ होने के बाद उन्हें वापस उनकी कैडर में भेजा गया था. उन्हें 11 साल तीन महीने एनआईए में प्रतिनियुक्ति मिली थी.
अपने सेवाकाल में नेगी एनआईए के सबसे प्रतिष्ठित अधिकारियों में से एक थे. वो कई प्रमुख मामलों की जांच में शामिल थे. हिमाचल प्रदेश पुलिस में सेवाएं देते हुए अरविंद नेगी ने बहुचर्चित सीपीएमटी पेपर लीक केस की जांच की थी. बहुचर्चित शिमला तेजाब कांड की गुत्थी सुलझाने में भी नेगी ने अहम भूमिका निभाई थी.हिमाचल में नेगी की गिनती तेज-तर्रार अधिकारी मेंहोती थी. उन्हें पुलिस मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.हुर्रियत नेतृत्व से जुड़े जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले की जांच के लिए वीरता पदक मिला था.
Posted by: Pritish Sahay