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एएनसी जांच में भरनो, बिशुनपुर, चैनपुर व पालकोट प्रखंड पीछे, डीसी ने दिया ये निर्देश

स्वास्थ्य विभाग गुमला की बैठक शुक्रवार को उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आइटीडीए भवन में हुई. उपायुक्त ने प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में पाया कि माह जनवरी 2022 तक 25450 प्रसव पूर्व जांच करने का लक्ष्य निर्धारित है.

स्वास्थ्य विभाग गुमला की बैठक शुक्रवार को उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आइटीडीए भवन में हुई. उपायुक्त ने प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में पाया कि माह जनवरी 2022 तक 25450 प्रसव पूर्व जांच करने का लक्ष्य निर्धारित है. जिसके विरूद्ध प्रथम एएनसी जांच 24422, प्रथम ट्राइमेस्टर में एएनसी जांच 17554 तथा एएनसी चार 15276 पाया. जिसमें भरनो, बिशुनपुर, चैनपुर तथा पालकोट प्रखंड में एएनसी जांच की स्थिति असंतोषजनक पाया.

उपायुक्त ने प्राथमिकता के आधार पर गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्ण जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. माह जनवरी 2022 तक संस्थागत प्रसव के अद्यतन स्थिति की समीक्षा में उपायुक्त ने निर्धारित लक्ष्य 22905 के विरुद्ध जिले में 67 प्रतिशत उपलब्धि पायी. जिस पर उपायुक्त ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने पर विशेष बल देते हुए गर्भवती महिलाओं का निरंतर अनुश्रवण करते हुए उन्हें संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करने का निर्देश दिया.

साथ ही ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की सुविधा हेतु ममता वाहनों को सक्रिय करने का भी निर्देश दिया. जिले में क्रियाशील हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों की समीक्षा में बताया गया कि बसिया में 10 एचसीडब्ल्यू में 06, भरनो में 07 एचसीडब्ल्यू में 06, बिशुनपुर में एक, चैनपुर में 10 एचसीडब्ल्यू में 07, डुमरी में 13 एचसीडब्ल्यू में 09, पालकोट में 11 एचसीडब्ल्यू में 08, रायडीह में 11 एचसीडब्ल्यू में 09, गुमला में 08 एचसीडब्ल्यू में सभी 08 तथा सिसई में 10 एचसीडब्ल्यू में 09 एचसीडब्ल्यू क्रियाशील है.

जिसपर उपायुक्त ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने-अपने स्तर से निरीक्षण कर सभी एचसीडब्ल्यू को क्रियाशील एवं कार्यात्मक बनाने का निर्देश दिया. मिशन इंद्रधनुष फेज 04 अंतर्गत नियमित टीकाकरण की समीक्षा में उपायुक्त ने पाया कि अभियान के तहत शून्य से 23 माह के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को नियमित टीकाकरण से आच्छादन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है. जिसके तहत जिले में टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण कराना है. सर्वेक्षण 07 मार्च से शुरू होगी.

अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने वैसे प्रखंड जहां अधिकतम यक्ष्मा के मरीज पाये जाते हैं. वहां प्राथमिकता के आधार पर यक्ष्मा निवारण हेतु रणनीति तैयार कर कार्य करने का निर्देश दिया. बैठक में अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉक्टर राजू कच्छप, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र पांडेय, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉक्टर केके मिश्रा, डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव, डीपीएम स्वास्थ्य जया रेशमा खाखा, डीडीएम राजीव, एचएसटीएफ जिदान की प्रियंका ग्रेवाल, नीति आयोग के आशीष, अभिनीत आनंद डीपीसी एनएचएम, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी व अन्य उपस्थित थे.

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