गायघाट उत्तर रक्षा सुधार गृह मामले में एसआइटी ने शुक्रवार को जांच शुरू कर दी है. इस केस से जुड़े एक-एक मामले की छानबीन की जा रही है. सूत्रों के अनुसार एसआइटी की नेतृत्वकर्ता सह आइओ एएसपी सचिवालय काम्या मिश्रा गायघाट सुधार गृह पहुंची और कई से पूछताछ की. इसके अलावे अपने स्तर पर भी जांच की. मूल रूप से एसआइटी पीड़िता के लगाये गये आरोपों के इर्द-गिर्द ही जांच कर रही थी.
इसके साथ ही एएसपी काम्या मिश्रा अपनी टीम के साथ पटना उच्च न्यायालय के बिहार काउंसिल भी पहुंची और चेंबर नंबर 36 में उस पीड़िता से पूछताछ की, जिसका वीडियो वायरल हुआ था. उस वीडियो वायरल में पीड़िता ने सुधार गृह के अंदर नशा का इंजेक्शन देकर गलत काम कराये जाने का आरोप लगाया था और इसके लिए वहां की अधीक्षिका वंदना गुप्ता को जिम्मेदार बताया था. खास बात यह है कि पूछताछ के दौरान काफी गोपनीयता बरती गयी.
एसआइटी ने पीड़िता के लगाये गये आरोपों के संबंध में प्रश्न किये और उसका बयान दर्ज कर लिया. पूछताछ के दौरान किसी को भी चेंबर में आने की इजाजत नहीं दी गयी थी. महिला विकास मंच के पदाधिकारी व वकील सभी को बाहर रखा गया था. बताया जाता है कि 161 के तहत बयान दर्ज करने के बाद अब मजिस्ट्रेट के समक्ष भी 164 के तहत बयान दर्ज कराया जायेगा. क्योंकि मजिस्ट्रेट के समक्ष ही दिये गये बयान को अंतिम माना जाता है.
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पीड़िता जिस समय सुधार गृह में थी, उस समय वहां रहने वाली अन्य लड़कियों के संबंध में भी जानकारी ली गयी. उन सभी से भी पूछताछ की जायेगी. इसके अलावा अभी वहां रहने वाली लड़कियों से भी सुधार गृह की व्यवस्था के संबंध में विस्तार से पूछताछ की गयी. बताया जाता है कि एसआइटी की नेतृत्वकर्ता एएसपी काम्या मिश्रा को दस दिनों के अंदर में अपनी जांच कर रिपोर्ट को एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो को सौंप देना है. उक्त रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. महिला सुधार गृह में गंदे काम कराये जाने के गंभीर आरोप लगाने के हर बिंदू पर जांच की जा रही है.